8 लाख से अधिक किसानों को जारी किया गया फसल नुकसान का मुआवजा

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मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने अधिक बारिश, बाढ़ और पीला मोजेक रोग से हुए फसल नुकसान के लिए 13 प्रभावित जिलों के 8 लाख से अधिक किसानों को 653.34 करोड़ की मुआवजा राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में जारी की।

विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं एवं कीट-रोगों से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने 3 अक्टूबर 2025 के दिन किसानों को मुआवजा राशि जारी कर दी है।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसानों की सेवा ही भगवान की सेवा है। बाढ़ हो, आपदा हो, ओलावृष्टि हो या कीट प्रकोप हो, किसान भाई हर विपदा से लड़ते और जूझते हैं।

किसान पर कोई भी विपदा या आपदा आए सरकार संकट की हर घड़ी में साथी बनकर किसानों के साथ खड़ी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हर प्रकार की आपदा और कीट प्रकोप से फसलों को हुई क्षति की राहत राशि किसानों को दी जाएगी।

ये राहत राशि किसानों को बड़ा संबल देगी। उन्होंने कहा कि जब तक आखिरी पीड़ित किसान को सहायता राशि नहीं मिल जाती, हमारी सरकार चैन से नहीं बैठेगी।

उन्होंने कहा कि किसानों के चेहरों की मुस्कान ही हमारी असली दीपावली जैसी है। किसानों की मेहनत और जज्‍बा फिर से उनके खेतों को जीवन और समृद्धि से भर देगा।

 

जारी किया गया 653 करोड़ रुपये का मुआवजा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से किसानों को प्राकृतिक आपदा और कीट प्रकोप से हुई फसल क्षति की राहत राशि वितरण कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के 13 जिलों के किसानों को मुआवजा राशि जारी की।

कार्यक्रम के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में बीते माहों में हुई अतिवृष्टि-बाढ़ और सोयाबीन में पीला मोजेक रोग से हुए फसल नुकसान के लिए 13 प्रभावित जिलों के 8 लाख 84 हजार 772 किसानों को 653.34 करोड़ की राहत राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में अंतरित की।

उन्होंने बताया कि इसमें अतिवृष्टि/बाढ़ से हुई फसल क्षति से प्रभावित 3 लाख 90 हजार 167 किसानों को 331.34 करोड़ रुपये एवं पीला मोजेक/कीट व्याधि से हुई फसल क्षति से प्रभावित 4 लाख 94 हजार 605 किसानों को 322 करोड़ रुपये की राहत राशि शामिल है।

 

किसानों को नहीं होने देंगे नुकसान

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पीड़ित किसान भाइयों को राहत राशि देने और फसल सर्वे के कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।

किसानों के चेहरे की खोई मुस्कान लौटाना हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 4 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से 6 लाख 69 हजार से अधिक धान उत्पादक किसानों के खाते में 337 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का अंतरण किया है।

सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भी भावान्तर योजना शुरू की गई है। फसल के विक्रय मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अन्तर की राशि सरकार सीधे किसानों को देगी। हम किसानों का कोई नुकसान नहीं होने देंगे।

 

पीला मोजेक से हुए नुकसान के लिए भी दिया हा रहा है मुआवजा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2025-26 में अब तक विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को विभिन्न मदों में कुल 229 करोड़ 45 लाख रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है।

पिछले महीने 6 सितंबर को ही फसल क्षति के लिए 11 जिलों के 17 हजार से अधिक किसानों को 20 करोड़ से अधिक की राहत राशि दी थी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार राज्य सरकार द्वारा सोयाबीन में पीले मोजेक रोग से फसल प्रभावित किसानों को राहत राशि दी जा रही है।

 

मुख्यमंत्री ने किसानों से किया संवाद

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राहत राशि वितरण के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीड़ित किसानों से संवाद भी किया।

संवाद के दौरान किसानों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने दशहरा एवं भव्य शस्त्र पूजन के आयोजनों एवं सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना लागू करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त करते हुए अभिनंदन किया।

किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने दीपावली से पहले ही हमारी दीपावली मनवा दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुरहानपुर जिले के किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि केला आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा।

 

इन जिलों के किसानों को मिली मुआवजा राशि

आज जारी की गई राशि में रतलाम जिले के किसानों को कुल 213.04 करोड़ रूपए की राहत राशि दी गई है। 

नीमच जिले को अतिवृष्टि से सोयाबीन फसल को हुए नुकसान के लिए 119.06 करोड़ रूपए से अधिक की मुआवजा राशि दी गई। 

मंदसौर जिले के सोयाबीन उत्पादक किसानों को कुल 267.30 करोड़ रूपए राहत राशि अंतरित की गई है।

 उज्जैन जिले के किसानों को 44 लाख रूपए राहत राशि मिली है। 

विदिशा जिले के किसानों को 62 लाख रूपए दिए गए हैं। 

बुरहानपुर जिले के केला उत्पादक किसानों को अतिवृष्टि से हुए फसल नुकसान के लिए 3.39 करोड़ रूपए मुआवजा राशि दी गई है।

शहडोल जिले के 8935 किसानों को सोयाबीन फसल को पीला मोजेक से हुए नुकसान के लिए 6.36 करोड़ रूपए मुआवजा राशि दी गई है।

 खंडवा जिले के सोयाबीन उत्पादक किसानों को अतिवृष्टि और पीला मोजेक की राहत के रूप में 55 लाख रूपए मिले हैं। 

बड़वानी जिले के अतिवृष्टि से प्रभावित 662 किसानों को 37 लाख रूपए मुआवजा राशि दी गई है।

 दमोह जिले के मक्का उत्पादक अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को 56 लाख रूपए की राहत राशि मिली है।

 अलीराजपुर जिले के सोयाबीन उत्पादक किसानों को पीला मोजेक से हुए फसल नुकसान के लिए 41.55 करोड़ रूपए की मुआवजा राशि दी गई इससे 49 हजार किसान लाभान्वित हुए हैं।

मंडला जिले के धान और मक्का उत्पादक अतिवृष्टि प्रभावित किसानों की फसल को हुए नुकसान के लिए 53 हजार रूपए मुआवजा राशि मिली है।

मुख्यमंत्री ने सिवनी जिले के जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की। बताया गया कि यहां मकान ढहने से प्रभावित एक किसान को 92 हजार रूपए की राहत राशि मिली है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राहत राशि पाने वाले सभी किसानों से कहा कि शेष प्रभावित जिलों के किसान निराश न हो, वहां अभी सर्वे चल रहा है और सर्वे पूरा होते ही राहत राशि दी जाएगी।

राहत राशि वितरण कार्यक्रम में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय नीरज मंडलोई, आयुक्त राजस्व अनुभा श्रीवास्तव सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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