प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की फसलों का बीमा किया जाता है, जिससे उन्हें फसल नुकसान की स्थिति में मुआवजा मिल सके.
इसका उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता पहुंचाना और आत्मनिर्भर बनाना है.
जल्द करें आवेदन
भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां एक बड़ा वर्ग खेती-किसानी पर निर्भर है.
केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
इसी कड़ी में सरकार की तरफ से किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान को बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत की गई है.
इसके लिए आप 31 दिसंबर, 24 तक आवेदन कर सकते हैं.
31 दिसंबर से पहले करें आवेदन
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान पर आर्थिक लाभ दिया जाता है.
इस योजना के तहत रबी सीजन की फसलों का बीमा कराने के लिए कट ऑफ डेट तय कर दी गई है.
इस योजना के तहत किसानों के फसल का बीमा किया जाता है.
इस बीमा का फायदा किसानों को तब मिलता है जब उनके फसल को आंधी, बाढ़, सूखा या तूफान से कोई नुकसान हो गया हो.
इन फसलों के लिए कराएं बीमा
पीएम फसल बीमा योजना के तहत रबी सीजन की फसलों का बीमा कराने के लिए कट ऑफ डेट तय कर दी गई है.
किसानों ने अपने खेतों में गेहूं, सरसों, चना समेत अन्य रबी फसलों की बुवाई शुरू कर दी है.
किसानों से कहा गया है वह आपदा से फसल सुरक्षा और आर्थिक नुकसान से बचने के लिए इस योजना के लिए लास्ट डेट से पहले आवेदन कर दें.
खरीफ सीजन की तुलना में रबी फसलों के लिए औसत बीमा प्रीमियम दर भी घटा दी गई है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसानों की फसलों का बीमा किया जाता है, जिससे उन्हें फसल नुकसान की स्थिति में मुआवजा मिल सके।
इसका उद्देश्य किसानों की आय को… pic.twitter.com/iJGlS7DNDs
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) October 23, 2024
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का क्या है फायदा?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सतत उत्पादन को समर्थन प्रदान करना है –
- अप्रत्याशित घटनाओं से उत्पन्न फसल हानि/क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है.
- खेती में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए किसानों की आय को स्थिर करना है.
- किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
- कृषि क्षेत्र में ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करना; जो खाद्य सुरक्षा, फसल विविधीकरण और कृषि क्षेत्र की वृद्धि और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के अलावा किसानों को उत्पादन जोखिमों से बचाने में योगदान देगा.
इस योजना के तहत कितने फसलों का मिलता है कवरेज
इस योजना के तहत खाद्य फसलें (अनाज, बाजरा और दालें), तिलहन, वार्षिक वाणिज्यिक, वार्षिक बागवानी फसलों पर बीमा दिया जाता है.
फसल बीमा की कट ऑफ डेट
गेहूं, सरसों और चना समेत अन्य रबी फसलों का बीमा कराने के लिए कट ऑफ डेट 31 दिसंबर 2024 निर्धारित की गई है.
31 दिसंबर से पहले आप इसके लिए जाकर आवेदन कर सकते हैं.
कितनी चुकानी होगी बीमा राशि?
खरीफ सीजन की फसलों के लिए किसानों को कुल बीमा राशि का 2 फीसदी प्रीमियम चुकाना पड़ा है.
रबी सीजन की फसलों के लिए किसानों को कुल बीमा राशि का 1.5 फीसदी प्रीमियम चुकाना है, जो खरीफ सीजन से 0.5 फीसदी कम है.
बागवानी और कमर्शियल फसलों का बीमा कराने के लिए किसानों को कुल राशि का 5 फीसदी प्रीमियम चुकाना होगा.
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