रबी फसलों की बुआई का समय हो गया है जिसके साथ ही डीएपी, यूरिया सहित अन्य खाद उर्वरकों की मांग बढ़ गई है।
आये दिन अलग-अलग जिलों से खाद की कमी को लेकर खबरें आ रही हैं।
इस बीच मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि किसानों को खाद के लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
राज्य सरकार के पास पर्याप्त खाद उपलब्ध है। किसानों को खाद के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
बुआई की प्राथमिकता
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को व्यवस्थित तरीके से खाद का वितरण कराया जाएगा।
रबी मौसम 01 अक्टूबर से 31 मार्च तक का होता है, जिसमें उर्वरक मंत्रालय, केन्द्र सरकार द्वारा माहवार एवं कंपनीवार उर्वरक का आवंटन जारी किया जाता है। कंपनियां आवंटन अनुसार उर्वरक प्रदेश में उपलब्ध कराती हैं।
इन जिलों में पहले दी जाएगी खाद
कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में रबी फसलों की बुआई 1 अक्टूबर से 30 दिसंबर के मध्य होती है। सर्वप्रथम चंबल एवं ग्वालियर संभाग में बुआई का काम होता है।
बोनी की प्राथमिकता एवं जिले में उपलब्ध स्टॉक को ध्यान में रखकर उर्वरक व्यवस्था की जा रही है।
पिछले वर्ष 1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक 18.82 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ था।
केन्द्र सरकार द्वारा रबी 2024 के लिये 22 लाख मीट्रिक टन यूरिया प्रदान करने की सहमति दी गई है।
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पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक खाद है उपलब्ध
एमपी के कृषि मंत्री के अनुसार राज्य में अक्टूबर 2023 में यूरिया का विक्रय 4.67 लाख मीट्रिक टन हुआ था, जिसके विरुद्ध इस वर्ष यानि अक्टूबर 2024 में 8.53 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित उपलब्ध है।
इसमें से 2.40 लाख मीट्रिक टन यूरिया का विक्रय हुआ है और 6.13 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में उपलब्ध है।
वहीं पिछले वर्ष 1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक डीएपी एवं एनपीके 10.36 लाख मीट्रिक टन का विक्रय हुआ था।
केन्द्र सरकार द्वारा रबी 2024-25 के लिये 14 लाख मीट्रिक टन का आवंटन प्रदान किया गया है।
माह अक्टूबर 2023 में डीएपी एवं एनपीके का विक्रय 4.37 लाख मीट्रिक टन हुआ था, जिसके विरूद्ध अक्टूबर 2024 में 5.58 लाख मीट्रिक टन ट्रांजिट सहित उपलब्ध है।
इसमें से 2.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी एवं एनपीके का विक्रय हुआ है और 3.36 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में उपलब्ध है।
प्रदेश में यूरिया एवं डीएपी, एनपीके की रैक निरंतर प्राप्त हो रही है। जिलों की मांग अनुसार रैक उपलब्ध कराई जा रही है।
जिलों में मांग के अनुसार उपलब्ध कराई जा रही है खाद
कृषि मंत्री कंषाना ने बताया कि जिलों की मांग एवं विक्रय की स्थिति को ध्यान में रखकर रैक की प्लानिंग की जा रही है।
प्राप्त रैक से मांग एवं विक्रय के अनुसार विपणन संघ द्वारा डबल लॉक केन्द्रों में उर्वरकों का भंडारण कराया जा रहा है।
डबल लॉक केन्द्रों पर टोकन द्वारा वितरण करने के लिये निर्देश दिये गये हैं। व्यवस्थित ढंग से खाद का वितरण कराया जा रहा है।
साथ ही निजी क्षेत्र के उर्वरक विक्रय केन्द्रों पर सतत् निगरानी करने के निर्देश दिये गये हैं।
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