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प्रदेश में सिंचाई के लिए बिजली प्रदाय का “फ्लेक्सी प्लान” लागू होगा

 

जनता को भरपूर बिजली मिलेगी, शासन को होगी बचत

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ऊर्जा विभाग की बैठक ली

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में जनता को सिंचाई के लिए भरपूर बिजली प्रदाय करने एवं बिजली की बचत के उद्देश्य से ‘फ्लेक्सी प्लान’ लागू किया जाएगा। इस योजना के लागू होने से एक तरफ किसानों को उनकी सुविधा अनुसार भरपूर बिजली मिलती रहेगी, वहीं प्रतिदिन लगभग 1.5 हजार मेगावाट बिजली बचेगी, जिससे प्रतिदिन लगभग एक करोड़ रूपए की बचत होगी।

 

दिन में बिजली प्रदाय के घंटे बढ़ाएं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्तमान में किसानों को सिंचाई के लिए दिन व रात में बिजली दी जाती है। रबी में सर्दी में खेतों में सिंचाई करना किसानों के लिए कष्टकारक होता है, अत: दिन में सिंचाई के लिए बिजली प्रदाय के घंटे बढ़ाए जाएं। यथासंभव किसानों को सिंचाई के लिए बिजली दिन में प्रदाय की जाए।

 

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निर्बाध बिजली प्रदाय के लिए, ऊर्जा विभाग को दी बधाई

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में सिंचाई एवं घरेलू प्रयोजन के बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव सहित पूरे अमले की सराहना करते हुए सभी को बधाई दी।

 

100 यूनिट तक बिजली पर 100 रूपए बिल

प्रमुख सचिव ने बताया कि वर्तमान में 100 यूनिट तक बिजली की खपत पर 100 रूपए का बिल दिया जा रहा है। इसी प्रकार 100 से 150 यूनिट तक की खपत पर 384 रूपए महीने का बिल दिया जा रहा है। इसके बाद सामान्य दर पर बिजली दी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि हर गरीब को सस्ती बिजली मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। बिजली बिलों की नियमित वसूली भी होनी चाहिए।

 

क्या है ‘फ्लेक्सी प्लान’…..?

प्रदेश में वर्तमान में 11 के.वी. कृषि फीडरों से सिंचाई की बिजली दिन में 6 घंटे व रात में 4 घंटे प्रदाय की जाती है। ‘फ्लेक्सी प्लान’ के अंतर्गत इतने ही समय बिजली प्रदाय की जाएगी, परंतु पीक लोड के समय को छोड़कर कम लोड के समय बिजली प्रदाय की जाएगी। प्रात: 9 बजे सर्वाधिक लोड का समय होता है। अत: इस समय को छोड़कर बिजली दी जाएगी। फ्लेक्सी प्लान के अंतर्गत ‘ए’ ‘बी’ एवं ‘सी’ समूह में बिजली दी जाएगी।

 

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इस योजना के अंतर्गत प्रतिदिन बिजली की अधिकतम मांग 16 हजार मेगावाट से घटकर 14 हजार 766 मेगावाट हो जाना अपेक्षित है। बिजली की मांग घटने से किसानों को अतिरिक्त बिजली दी जा सकेगी तथा अन्य राज्यों को बिजली बेची भी जा सकेगी।

 

 

 

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