केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को दिल्ली में अलग-अलग राज्यों के किसान संगठनों से मुलाकात की।
इसी के साथ हर मंगलवार किसान संगठनों से मुलाकात कार्यक्रम का सिलसिला आज से शुरू हो गया।
किसान संगठनों से मुलाकात कार्यक्रम
कृषि मंत्री ने पहले ऐलान किया था कि वे हर मंगलवार किसानों से मिलेंगे और उनकी समस्याएँ एवं सुझावों को सुनेंगे।
संवाद के दौरान कृषि मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अधिकारी भी शामिल थे।
किसान संगठनों ने कृषि मंत्री को दिए यह सुझाव
आज कृषि मंत्री से लगभग 50 किसान नेताओं ने मुलाकात की।
इस पर कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि हमें किसान संगठनों से अनेकों सुझाव हमें मिले हैं, उनमें कुछ फसलों के मूल्य से संबंधित हैं और कुछ फसल बीमा योजना के बारे में हैं।
कुछ सुझाव आवारा पशुओं की समस्या और उनके कारण होने वाले नुकसान के बारे में भी हैं।
उन्होंने कहा कि नई फसल आने पर कौन से फैसले होने चाहिए, उसके बारे में भी अनेक सुझाव आए हैं।
किसान संगठनों द्वारा दिए गए सुझावों पर काम करेगी सरकार
कृषि मंत्री ने कहा कि अधिकारियों की टीम के साथ बैठकर सभी सुझावों पर वर्कआउट किया जाएगा और जो हो सकता है वह पूरा करने का प्रयत्न हम करेंगे।
उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने सरकार द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों का स्वागत किया है।
इसमें पाम ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 27.5 प्रतिशत करना, बासमती से मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस हटाना, प्याज एकपोर्ट ड्यूटी को कम करना, तुअर, उड़द और मसूर की पूरी खरीदी आदि शामिल है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि हमने जो किसान संगठनों से संवाद प्रारंभ किया है वह आगे भी जारी रहेगा।
इसके साथ ही हम किसानों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास भी ईमानदारी से करेंगे।
इसके अलावा उन्होंने पराली प्रबंधन को लेकर कहा कि पराली प्रबंधन के लिए कई अनुसंधान हुए हैं, मशीनें भी बनी है, किसानों को पराली जलानी नहीं पड़ेगी, काट कर पराली का वेस्ट, वेस्ट नहीं वेल्थ बन जाता है।
उसका भी हम बेहतर उपयोग करेंगे, अवेयरनेस क्रिएट कर किसानों को कॉन्वेंस करने की कोशिश करेंगे।
यह भी पढ़ें : खेत के चारों तरफ घूमकर मिनटों में नाप सकते हैं अपनी जमीन