मूंग और उड़द खरीदी में भुगतान प्रक्रिया से किसान परेशान

1.38 लाख किसानों के 3398 करोड़ अटके, नर्मदापुरम टॉप पर

कई का रक्षाबंधन तो उधारी के रुपयों में मना

प्रदेश के 1.38 लाख किसानों के 3398 करोड़ रुपए अटके हुए हैं। यह राशि गर्मी की मूंग व उड़द खरीदी की है, जो प्रदेश के 36 जिलों में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई, लेकिन समय पर 100 फीसद भुगतान नहीं हुआ।

भुगतान अटकाने वाले जिलों में नर्मदापुरम व नरसिंहपुर टॉप पर है। प्रदेश के 36 जिलों में तीन लाख से अधिक किसानों ने गर्मी की मूंग व उड़द की फसल ली थी। इसमें से 2.74 लाख किसानों ने समर्थन मूल्य पर इन फसलों को बेच दिया।

बीते 8 अगस्त तक की खरीदी व भुगतान रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 1 लाख 38 हजार 200 किसानों को पूरा भुगतान नहीं मिला।

अकेले नर्मदापुरम जिले ने ही 31 हजार से अधिक किसानों के 907 करोड़ अटकाए। जबकि नरसिंहपुर जिले के 27 हजार से अधिक किसानों के 598 करोड़ रुपए का भुगतान होना बाकी है।

इंदौर को छोड़ दें तो कोई भी जिला ऐसा नहीं है, जहां किसानों का भुगतान न अटका हो।

 

उधार लेने को मजबूर किसान

चूंकि मूंग की फसल में लागत अधिक लगती है। छोटी जोत वाले किसानों का कहना है कि वे बाजार से पैसे लेते हैं और फिर मूंग की खेती करते है।

पैसा इस शर्त पर लेते है कि मूंग की फसल बेचकर लौटा देंगे। लेकिन इस बार देरी से खरीदी शुरू हुई और जब उपज बेची तो उसका पूरा भुगतान भी समय पर नहीं मिला। इसके कारण आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई।

 

सर्वाधिक मूंग व उड़द खरीदी और भुगतान अटकाने वाले टॉप-10 जिलों की स्थिति

जिले खरीदी भुगतान किया भुगतान अटकाया
नर्मदापुरम 201522 31838 907
हरदा 118397 27736 376
रायसेन 105163 15502 485
नरसिंहपुर 92674 9248 598
देवास 37698 8379 114
सागर 27799 1053 222
दमोह 19375 4522 86
खंडवा 13569 5468 25
बैतूल 12500 2273 57
कटनी 11382 2097 56

 

नोट : मात्रा – मीट्रिक टन में, राशि – करोड़ रूपये में

 

प्रदेश का फैक्ट
  • 36 जिलों में खरीदी प्रक्रिया हुई
  • 2.74 लाख किसानों से फसल खरीदी की गई
  • 7.73 लाख मीट्रिक टन उपज खरीदकर गोदाम तक पहुंची
  • 6704 करोड़ भुगतान करने थे
  • 3305 करोड़ रूपये भुगतान किए
  • 3395 करोड़ रूपये भुगतान बाकि
  • 1.38 लाख किसानो के फसलो का भुगतान अटका

(नोट : खरीदी व भुगतान की स्तिथि 8 अगस्त 2025 तक की है)

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