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सागवान की खेती से किसान बन सकते हैं करोड़पति

सागवान की खेती

 

सागवान की बुवाई के लिए मॉनसून से पहले का समय सबसे अनुकूल माना जाता है.

इस मौसम में पौधा लगाने से वो तेजी से बढ़ता है.

शुरुआती वर्षों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है.

ध्यान रखें कि मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए.

 

सागवान के लकड़ी की गिनती सबसे मजबूत और महंगी लकड़ियों में होती है.

इससे फर्नीचर, प्लाइवुड तैयार किया जाता है.

इसके अलावा सागवान का इस्तेमाल दवा बनाने में भी किया जाता है.

लंबे समय तक टिकने की क्षमता होने के कारण इसकी मांग हमेशा बाजार में बनी रहती है.

 

सागवान के लिए खेत में कितनी हो दूरी

सागवान के पौधे को 8 से 10 फीट की दूरी पर लगाया जा सकता है.

ऐसे में अगर किसी किसान के पास 1 एकड़ खेत है तो वो उसमें करीब 500 सागवान के पौधे लगा सकता है.

सागवान के लिए 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान अनुकूल माना जाता है.

 

सागवान के लिए कैसे तैयार होता है खेत?

सागवान की खेती के लिए सबसे पहले खेत की जुताई करें और उसमें से खर-पतवार और कंकड़-पत्थर निकाल लें.

इसके बाद दो बार और जुताई करके खेत की मिट्टी को बराबर कर लें.

इसके बाद सागवान के पौधे जहां-जहां लगाने हैं, उन जगहों को चिन्हित कर लें.

इसके बाद उन जगहों पर गड्ढा खोद लें. कुछ दिन बाद इसमें खाद मिला दें.

इसके बाद इसमें पौधा लगाएं. इसकी मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए.

 

कौन सा मौसम सागवान की बुवाई के लिए ठीक?

सागवान की बुवाई के लिए मॉनसून से पहले का समय सबसे अनुकूल माना जाता है.

इस मौसम में पौधा लगाने से वो तेजी से बढ़ता है. शुरुआती वर्षों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है.

पहले साल में तीन बार दूसरे साल में दो बार और तीसरे साल में एक बार अच्छे से खेत की सफाई जरूरी है, सफाई के दौरान खरपतवार को पूरी तरह खेत से बाहर करना होता है. 

 

सागवान के पेड़ को जानवरों से डर नहीं

सागवान के पत्तों में कड़वाहट और चिकनाहट होती है, यही कारण है कि इसे जानवर खाना पसंद नहीं करते.

साथ ही अगर पेड़ की देखभाल ठीक से की जाए तो इसमें कोई बीमारी भी नहीं लगती और ये बिना किसी परेशानी के 10 से 12 साल में तैयार हो जाता है.

 

सागवान के पेड़ से कई सालों तक मिलता है मुनाफा

हालांकि, किसान चाहें तो इसे ज्यादा समय तक भी खेत में रख सकते हैं.

12 वर्षों के बाद ये पेड़ समय के हिसाब से मोटा होता जाता है, जिससे पेड़ की कीमत भी बढ़ती चली जाती है.

साथ ही किसान एक ही पेड़ से कई सालों तक मुनाफा कमा सकते हैं.

सागवान का पेड़ एक बार काटे जाने के बाद फिर से बड़ा होता है और दोबारा इसे काटा जा सकता है.

ये पेड़ 100 से 150 फुट ऊंचे होते हैं. 

सागवान से करोड़ों में कमाई

सागवान के पेड़ से किसान चाहें तो करोड़ों में कमाई कर सकते हैं.

उदाहरण के तौर पर एक एकड़ में किसान अगर 500 सागवान के पेड़ लगाता है तो 12 वर्ष के बाद इससे करीब एक करोड़ रुपये में बेच सकता है.

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