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डेयरी फार्मिंग को व्यवसाय के रूप में अपनाकर आमदनी में इजाफा कर सकते हैं किसान

 

डेयरी फार्मिंग

 

बैंक का मॉडल प्रोजेक्ट तैयार करने का तरीका बताया ताकि डेयरी यूनिट आसानी से स्थापित की जा सके.

सायना नेहवाल संस्थान में डेयरी फार्मिंग विषय पर प्रशिक्षण आयोजित.

 

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविधालय हिसार (HAU) के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान द्वारा डेयरी फार्मिंग विषय पर आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ.

संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण लगातार आयोजित किए जा रहे हैं ताकि बेरोजगार युवक-युवतियों को अधिक से अधिक लाभ मिले. किसान डेयरी फार्मिंग को कृषि के सहायक व्यवसाय के रूप में अपनाकर अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं.

 

प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को दूध के उत्पाद बनाकर मूल्य संवर्धन, पशुओं की सामान्य बीमारियों, चारे वाली फसलों का प्रबंध, साइलेज बनाने के तरीके, मिल्क पाउडर बनाने के तौर तरीके सहित विभिन्न प्रकार की जानकारियों से रूबरू कराया गया.

डॉ. संदीप दूहन ने दूध के उत्पाद बना कर इसका मूल्य संवर्धन करने व अधिक दूध उत्पादन होने पर उसके प्रोडक्ट बना कर अपनी आय में इजाफा करने के बारे में बताया.

 

पशुओं की बीमारियों के निदान की जानकारी दी

डॉ. अमित पुनियां ने पशुपालकों को सामान्य बीमारियों के संदर्भ में गाय व भैंस की शारीरिक सरंचना का परिचय देते हुए पशु के बाहरी लक्षण देख कर समय पर निदान करने की जानकारी दी.

डॉ. सत्यवान ने चारे वाली फसलों का प्रबंध व साइलेज बनाने के तरीके बताए.

ताकि किसान चारे की कमी होने पर उस समय खिला कर चारे की कमी को पूरा कर सके.

डॉ. रेखा फोगाट ने मिल्क पाउडर बनाने के तरीके, आंवले का मुरब्बा, बाजरे के बिस्किट तथा फलों का जूस में मशीनों का प्रयोग व उसमें आने वाली सामग्री के बारे में प्रयोग करके दिखाया.

 

बैंक का मॉडल प्रोजेक्ट तैयार करने का बताया तरीका

प्रशिक्षण में डॉ. सतीश जांगड़ा ने बैंक का मॉडल प्रोजेक्ट तैयार करने का तरीका बताया, ताकि डेयरी यूनिट (Dairy Unit) आसानी से स्थापित की जा सके और बैंक से आने वाली समस्या का निदान हो सके.

डॉ. तजिंद्र ने क्लीन दूध उत्पादन व उसके भंडारण के समय सावधानियों के बारे में बताया ताकि दूध का अधिक समय तक भंडारित किया जा सके.

डॉ. भूपेन्द्र ने हरे चारे व पशुओं के दानें मे कीट प्रबंध में होने वाली दवाइयों के बारे में बताया.

 

पशुओं की बीमारियों के बारे में दी जानकारी

डॉ. शालिनी ने दूध से दही, लस्सी व श्रीखंड तैयार करने की जानकारी व महत्ता के बारे में बताया.

डॉ. नीलेश ने पशुओं की बीमारियों और उनके निदान के बारे में बताया.

डॉ. सतीश मेहता ने फसलों व चारे की फसलों में होने वाली बीमारी के लक्षण व उनके प्रबंधन के बारे में बताया.

 

डॉ. नीरज अरोड़ा ने पशुओं के घाव, फोड़े, कुत्ते के काटने पर एवं जलने की स्थिति में प्राथमिक उपचार की जानकारी दी.

साथ ही पशुओं में मौसम परिवर्तन होने पर आने वाली बीमारियों के बारे में भी बताया.

डॉ. निर्मल ने दूध व दूध के बने उत्पादों को बेचने, उसकी पैकिंग के अलावा खाने-पीने वाली चीजों को बेचने के लिए लाइसेंस लेने की प्रक्रिया व उसकी महत्ता के बारे में बताया.

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