देश में अभी रबी फसलों की कटाई का काम लगभग पूरा हो गया है। ऐसे में किसान अभी गर्मी के सीजन में ख़ाली पड़े खेतों में विभिन्न फसलों (यह फसलें) को लगाकर अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं।
गर्मी के दिनों में किसान कम समय में तैयार होने वाली फसलों की खेती कर सकते हैं इसमें दलहन-तिलहन के साथ ही सब्जी फसलें शामिल है।
इसके अलावा किसान पशुओं के चारे के लिये अथवा खेतों में हरी खाद तैयार करने के लिए विभिन्न उपयुक्त फसलों (यह फसलें) की खेती कर सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने जारी की सलाह
वर्तमान मौसम को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली (पूसा) के वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए सलाह जारी की है।
जिसमें उन्होंने किसानों को इस समय लगाई जाने वाली फसलों और उनकी किस्मों के बारे में जानकारी दी है।
इसमें दलहन-तिलहन के साथ ही सब्जी एवं चारा फसलें शामिल हैं।
किसान अभी कर सकते हैं जायद मूंग की बुआई
पूसा संस्थान द्वारा जारी सलाह में बताया गया है कि किसान अभी अपने खेतों में मूंग की बुआई कर सकते हैं।
जिसके लिये किसान अभी पूसा विशाल, पूसा 672, पूसा 9351, पंजाब 668 आदि उन्नत किस्मों का चयन कर सकते हैं।
किसान बुआई के समय इस बात का ध्यान रखें कि खेत में पर्याप्त नमी मौजूद हो।
बुवाई से पहले किसान बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फॉस्फोरस सोलूबलाईजिंग बेक्टीरिया से अवश्य उपचार करें।
किसान अभी कौन सी सब्जी लगायें
अपने साप्ताहिक बुलेटिन में संस्थान की ओर से बताया गया है कि अभी का तापमान फ्रेंच बीन, सब्जी लोबिया, चौलई, भिंण्डी, लौकी, खीरा, तुरई आदि तथा गर्मी के मौसम वाली मूली की सीधी बुवाई के लिए अनुकूल है।
इन सब्जियों के बीजों के अंकुरण के लिए यह तापमान उपयुक्त होता है।
किसान बुआई के समय इस बात का ध्यान रखें कि खेत में पर्याप्त नमी मौजूद हो।
किसान उन्नत किस्म के बीजों को किसी प्रमाणित स्रोत से लेकर बुआई करें।
हरी खाद और चारे के लिये लगाएं यह फसलें
पूसा संस्थान की और से बताया गया है कि यदि रबी सीजन की फसलों की कटाई का काम पूरा हो गया है तो किसान अपने खेतों में हरी खाद के लिए ढ़ेचा, सनई अथवा लोबिया की बुवाई कर सकते हैं।
इसके लिए किसान रबी फसलों की कटाई के बाद पलेवा करें। इन फसलों की बुआई के समय खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखें।
वहीं किसान पशुओं के लिए हरे चारे हेतु ग्वार, मक्का, बाजरा, लोबिया आदि चारा फसलों की बुवाई इस सप्ताह कर सकते है।
बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है। बीजों को 3-4 से.मी. गहराई पर डाले और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 से.मी. रखें।
इसके अलावा यदि किसान इस समय खेतों में कोई फसल लेना नहीं चाहते हैं तो वे रबी फसलों की कटाई के बाद खेतों की गहरी जुताई करके उसे खुला छोड़ दें ताकि सूर्य की तेज धूप से मिट्टी गर्म हो सके।
मिट्टी के गर्म होने से उसमें छिपे कीड़े एवं उनके अंडे तथा घास नष्ट हो जाएगी जिससे अगली फसल पर कीट-रोगों का प्रकोप नहीं होगा।