केंद्रीय कृषि मंत्री ने बेंगुलरु में ड्रैगन फ्रूट और टमाटर की खेती करने वाले किसानों से संवाद किया।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती से 6 से 7 लाख रुपए तक का मुनाफा कमाना संभव है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 8 मई के दिन भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के अंतर्गत किसानों से संवाद किया।
15 दिवसीय इस अभियान की शुरुआत 29 मई को ओडिशा से हुई थी, जो 12 जून तक चलेगा।
अब-तक 11 दिनों में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न राज्यों जिसमें ओडिशा के साथ-साथ जम्मू, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड व मध्य प्रदेश शामिल हैं, का दौरा कर लाखों किसानों से संवाद किया है।
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बेंगुलरु के भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान में आकर गर्व महसूस हो रहा है।
शोध के क्षेत्र में वैज्ञानिकों के प्रयास सराहनीय हैं। बेंगुलरु ग्रामीण और आस-पास के क्षेत्रों में बागवानी में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
किसानों ने स्वयं भी कई प्रकार के शोध व प्रयोग करके कृषि नवाचार में नए अध्याय जोड़े हैं।
कृषि मंत्री ने देखी ड्रैगन फ्रूट और टमाटर की खेती
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आज मैंने ड्रैगन फ्रूट (कमलम) की खेती देखी। इस अवसर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसानों ने अपने अनुभव साझा किए।
कृषि मंत्री ने कहा कि ‘कमलम’ की खेती में पहले दो वर्ष तक उतना फायदा नहीं होता, लेकिन तीसरे साल के बाद 6 से 7 लाख रुपये का मुनाफा कमाया जा सकता हैं।
टमाटर के खेतों का भी भ्रमण किया मुझे किसान भाइयों ने ही बताया, कई बार कीमतों में उतार-चढ़ाव के बाद भी 3 से 4 लाख रुपये प्रति एकड़ कमाया जा सकता है।
किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए शुरू की गई योजना
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की समृद्धि के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
किसान सीधे अपनी उपज बेच सके, बिचौलियों की भूमिका कम हो इन्हीं सब पहलुओं को देखते हुए “बाजार हस्तक्षेप योजना” (MIS) बनाई गई है।
आलू, प्याज और टमाटर इन तीन फसलों के लिए यदि कोई किसान कम कीमत के कारण अपने क्षेत्र की जगह बड़े शहरों या ऐसे राज्यों जहां उनकी उपज की कीमत अधिक है, वहां ले जाकर अपनी फसल को बेचना चाहे तो ऐसी स्थिति में परिवहन में होने वाली परिचालन लागत का खर्चा केंद्र सरकार द्वारा उठाया जाएगा।
ऐसा तालमेल करने से किसानों को भी उचित दाम मिल जाएगा और जिस क्षेत्र में दाम अधिक है वहां उत्पादन पहुंचने से दाम भी संतुलित हो जाएंगे।
अगर भंडारण को लेकर भी सहायता की आवश्यकता होगी तो केंद्र द्वारा आर्थिक मदद दी जाएगी।
इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए शुरू किया गया अभियान
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने चार लक्ष्यों की पूर्ति के लिए विकसित कृषि संकल्प अभियान की शुरुआत की है।
इसमें 145 करोड़ आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना, पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराना, किसानों के लिए कृषि क्षेत्र को लाभ में बदलने के लिए एवं मिट्टी की उर्वरक क्षमता को सुरक्षित रखना शामिल है। इसके अंर्तगत ‘लैब को लैंड’ से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर वहां कि क्षेत्र विशेष की जानकारियों के आधार पर, मिट्टी की उर्वरकता की आवश्यकतानुसार, जलवायु व अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए किसानों को सही किस्मों व पद्धति के जरिए कृषि में उत्पादन बढ़ाने की जानकारी दे रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नकली बीजों, उर्वरकों, कीटनाशकों के प्रति भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गुणवत्ताहीन बीज या कीटनाशक बनाने वालों के प्रति सरकार सख्ती से पेश आएगी।
कानून बनाया जा रहा है। ऐसे कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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