देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा फल और फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।
इस कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राज्य में “पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना” चलाई जा रही है।
योजना का लाभ लेकर ग्वालियर के एक किसान सरवन सिंह कुशवाह की आमदनी में कई गुना का इजाफा हुआ है।
रजनीगंधा की खेती
ग्वालियर शहर से सटे गिरवई गाँव के निवासी प्रगतिशील किसान सरवन सिंह कुशवाह ने पारंपरिक खेती के स्थान पर रजनीगंधा की खेती शुरू की।
पहले वे अपने एक बीघा खेत में गेहूँ की फसल लेते थे। इसमें लागत ज्यादा लगती थी और आमदनी भी कम होती थी।
जिसके बाद उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की सलाह पर उन्होंने “पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना” के तहत कंदीय पुष्प रजनीगंधा की खेती शुरू कर दी।
रजनीगंधा की खेती से आमदनी में हुई वृद्धि
किसान सरवन सिंह कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि रजनीगंधा की खेती शुरू करने के लिये कुल 1 लाख 15 हजार रुपये की लागत आई।
जिसमें “पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना” के तहत मुझे 15 हजार रुपये का अनुदान मिला।
रजनीगंधा की फसल उगाने में प्रयुक्त होने वाले खाद-बीज एवं कीट व्याधियों से बचाव की जानकारी उद्यानिकी विभाग द्वारा दी गई।
किसान सरवन ने बताया कि जब हम अपने एक बीघा खेत में गेहूँ उगाते थे तब 9500 रुपये की लागत आती थी और मात्र 15,500 रुपये की आमदनी हो पाती थी।
उसमें अपनी मेहनत जोड़ लें तो न के बराबर आमदनी होती। जिस एक बीघा खेत में पहले 8 से 10 क्विंटल गेहूँ पैदा होता था और आमदनी मात्र 9500 रुपये हो पाती थी।
उसी एक बीघा खेत में अब रजनीगंधा की 50 से 55 हजार डंडियां मिल जाती हैं, जो लगभग ढ़ाई लाख रुपये की बिक जाती हैं। खर्चा निकालकर हमें शुद्ध 1 लाख 35 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है।