देश के कई राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि की MSP पर गेहूं की खरीद शुरू की जा चुकी है।
किसान मंडियों में अपना गेहूं बेचने के लिए लेकर जाने लगे हैं, ख़ासकर मध्य प्रदेश में।
मध्य प्रदेश सरकार इस वर्ष किसानों को गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद पर 125 रुपये का बोनस देने जा रही है, वहीं इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
ऐसे में किसानों को गेहूं बेचने में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
वरना नहीं खरीदा जाएगा समर्थन मूल्य पर गेहूं
समर्थन मूल्य पर गेहूँ के उपार्जन कार्य में किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जहाँ किसानों को स्लॉट बुक करने के बाद एफएक्यू गुणवत्ता की उपज खरीदी केन्द्रों पर लाने की सलाह दी है,
वहीं उपार्जन व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को भी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर बिना स्लॉट बुकिंग के उपार्जन केंद्रों पर आये गेहूँ की खरीदी नहीं करने की हिदायत दी है।
स्लॉट बुकिंग के बाद ही किसान मंडी में ले जाएं गेहूं
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने रबी सीजन में बिना स्लॉट बुकिंग के गेहूँ की खरीदी पर रोक लगाई दी है।
साथ ही उपार्जन व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को हिदायत दी है कि बिना स्लॉट बुक किये उपार्जन केंद्रों पर गेहूँ लेकर आये किसानों से खरीदी न की जाये तथा ऐसे किसानों की जानकारी संकलित कर उनका पंजीयन निरस्त करने जिला आपूर्ति अधिकारी को प्रस्ताव प्रेषित किया जाये।
कलेक्टर सक्सेना द्वारा उपार्जन व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को दिशा-निर्देश धान उपार्जन के दौरान किसानों को हुई परेशानियों को देखते हुए जारी किये गये हैं।
एफएक्यू मापदंडों के अनुसार ही मंडी में ले जाएं गेहूं
कलेक्टर के द्वारा जारी दिशा निर्देशों में स्पष्ट कहा गया है कि किसान साफ-सुथरा गेहूं ही मंडी में बेचने के लिए लायें।
स्लॉट बुक करने के बाद भी यदि किसान नान-एफएक्यू गेहूँ लेकर आते हैं तो उन्हें अपने खर्चे पर उसे अपग्रेड कराना होगा।
इसके लिये प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर छन्ना, पंखा, ग्रेडिंग मशीन और मॉइश्चर मीटर की व्यवस्था की गई है।
किसान समिति को निर्धारित शुल्क का भुगतान कर अपनी उपज को अपग्रेड कराना होगा।
समिति द्वारा इस शुल्क को नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जायेगा।
निर्देशों में अधिकारियों को एफएक्यू गेहूँ की जाँच का किसानवार रिकार्ड रखने कहा गया है।
किसानों को दी जाएगी रसीद
जो भी किसान मंडियों में गेहूं की उपज को साफ कराते हैं या अपनी उपज को अपग्रेड कराते हैं उसके लिए जो भी शुल्क मंडी समिति के द्वारा लिया जाता है उसकी रसीद किसानों को दी जायेगी।
यदि रसीद नहीं दी जाती है तो इसे अवैध वसूली माना जायेगा और इसके लिये विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
कलेक्टर ने उपार्जन केंद्रों पर तुलाई के बाद गेहूँ को तुरंत बोरी में भरने और उस पर किसान टैग लगाये जाने के निर्देश भी दिये हैं।
उन्होंने साफ किया कि बिना किसान टैग लगी गेहूँ से भरी बोरियां उपार्जन केंद्र पर पाये जाने को गम्भीर अनियमितता माना जायेगा।