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सोयाबीन की अधिक पैदावार के लिए किसान करें यह काम

सोयाबीन किसानों के लिए सलाह

 

इस वर्ष सोयाबीन की खेती किये जाने वाले क्षेत्रों में मानसूनी वर्षा के आगमन एवं फैलाव में असामान्य स्थितियां देखी जा रही है, कुछ क्षेत्रों के किसानों द्वारा सोयाबीन की खेती की जा चुकी है वहीं कुछ किसान जो कि सोयाबीन की बुआई हेतु पर्याप्त वर्षा जल की प्रतीक्षा कर रहे हैं बुआई नहीं कर पाए हैं।

पिछले सप्ताह हुई बारिश के पश्चात् कई क्षेत्रों में सोयाबीन की बुआई प्रारंभ कर दी गई है या कि जा रही है|

अभी के मौसम द्वारा उत्पन्न परिस्थिति को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए विशेष सलाह जारी है।

 

क्या है सोयाबीन कि बुआई के लिए सही समय

जारी सलाह में कहा गया है कि ऐसे किसान जिन्होंने सोयाबीन की बुआई अभी तक नहीं की है या हाल ही में 3–4 दिन पूर्व की हैं :- ज्ञात हों कि सोयाबीन की बुआई हेतु जुलाई माह में प्रथम सप्ताह तक का समय उपयुक्त होता है।

यह सप्ताह का समय सोयाबीन की बुआई के लिए उपयुक्त हैं।

अत: आपके क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा (100 मि.मी.) होने की स्थिति में सोयाबीन कि बुआई करें।

किसान बुआई के समय करें यह काम

  • कृषकों को सलाह है कि एक ही किस्म की बोवनी करने के स्थान पर अपने खेत में विभिन्न समयावधि में पकने वाली 2–3 अनुशंसित किस्मों की खेती को प्राथमिकता दें।
  • बीज गुणवत्ता (न्यूनतम 70% अंकुरण) के आधार पर बीज दर का प्रयोग करें। अंकुरण परीक्षण के माध्यम से सोयाबीन की बोवनी हेतु उपलब्ध बीज का अंकुरण न्यूनतम 70% सुनिश्चित करें।
  • विपरीत मौसम (सूखे कि स्थिति, अतिवृष्टि आदि) से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सोयाबीन की बोवनी बी.बी.एफ. पद्धति या रिज एवं फरो पद्धति से करें|

 

इस तरह करें सोयाबीन के बीजों का उपचार
  • बोवनी के समय बीज को अनुशंसित पूर्व मिश्रित फफूँदनाशक एजोक्सीस्ट्रोबीन + थायोफिनेट मिथाईल + पायरोकलोस्ट्रोबीन अथवा पेनफ्लूफेन + ट्रायफ्लोक्सिस्ट्रोबीन 38 एफ.एस. 1 मि.ली./किलोग्राम बीज अथवा कार्बोक्सिन 37.5% + थाइरम 37.5% (3 ग्राम/किलोग्राम बीज (अथवा थाइरम) 2 ग्राम (एवं कार्बेन्डाजिम) 1 ग्राम (प्रति किलोग्राम बीज से उपचारित कर थोड़ी देर छाया में सुखाएं | तत्पश्चात अनुशंसित कीटनाशक थायामिथोकसम 30 एफ.एस 10 मि.ली./किलोग्राम बीज) (अथवा इमिडाक्लोप्रिड) 1.25 मि.ली. / किलोग्राम बीज से भी उपचारित करें|
  • सोयाबीन की बोनी करते समय बीज को जैविक कल्चर ब्रेडीरायबियम + पी.एस.एम प्रत्येक 5 ग्राम / किलोग्राम बीज की दर से करें | कृषकगण रासायनिक फफूंद नाशक के स्थान पर जैविक फफूंद नाशक ट्रायकोडर्मा (10 ग्राम / किलोग्राम बीज) का भी उपयोग कर सकते है जिसको जैविक कल्चर के साथ मिलकर प्रयोग किया जा सकता है|

 

सोयाबीन फसल में कितना खाद डालें

किसान सोयाबीन की फसल के लिए आवश्यक पोषक तत्वों (25:60:40:20 किलोग्राम/ हे. नाईट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश व सल्फर) की पूर्ति केवल बोनी के समय करें।

इसके लिए इनमें से कोई भी एक उर्वरकों के स्रोत का चयन किया जा सकता है।

  • प्रति हेक्टेयर मात्रा: यूरिया किलोग्राम 375 + किलोग्राम सुपर फास्फेट व 67 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश अथवा 
  • प्रति हेक्टेयर मात्रा: डी.ए.पी. 125 किलोग्राम 67 + किलोग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश + 25 किलोग्राम /हे. बेन्टोनेट सल्फर अथवा 
  • प्रति हेक्टेयर मात्रा: मिश्रित उर्वरक 12:32:16 का 200 किलोग्राम + 25 किलोग्राम / हे. बेन्टोनेट सल्फर का छिड़काव करें।

कृषकों को सलाह हैं कि सोयाबीन की बोनी हेतु अनुशंसित 45 से.मी. कतारों की दुरी का अनुपालन करें।

साथ ही बीज को 2–3 से.मी. की गहराई पर बौनी करते हुए पौधे से पौधे की दूरी 5 से 10 से.मी. रखें।

सोयाबीन का बीज दर 65 से 70 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करें।

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