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किसान इस तरह करें कपास में कीट की पहचान एवं उसका नियंत्रण

गुलाबी इल्ली (सुंडी) कीट की पहचान एवं उसका नियंत्रण

 

भारत के कई क्षेत्रों में कपास पर गुलाबी इल्ली (सुंडी) एक प्रमुख कीट के रूप में उभर कर आई है।

अभी के समय में कपास के सबसे बड़े दुश्मन पिंक बॉल वार्म यानी गुलाबी सुंडी कीट के आक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है।

यह इल्ली कपास के बीजों को खाकर आर्थिक हानि पहुँचाती है। गुलाबी इल्ली का प्रकोप फसल के मध्य तथा देर की अवस्था में होता है।

गुलाबी सुंडी की लटें फलीय भागों के अंदर छुपकर तथा प्रकाश से दूर रहकर नुकसान करती हैं जिसके कारण इस कीट से होने वाले नुकसान की पहचान करना कठिन होता है, और फसल को अधिक नुकसान होता है।

 

किसान इस तरह करें गुलाबी सुंडी की पहचान

  • यह एक प्रौढ़ गहरे स्लेटी चमकीले रंग का 8 से 9 मि.मी. आकार वाला फुर्तीला कीट है।
  • अंडे हल्के गुलाबी व बैंगनी रंग की झलक लिए होते हैं, जो कि प्रायः नई विकसित पत्तियों व कलियों पर पाए जाते हैं।
  • प्रारम्भिक अवस्था में लटों का रंग सफ़ेद होता है, जो कि बाद में गुलाबी हो जाते हैं।
  • पूर्ण विकसित लटों की लम्बाई 10 से 12 मि.मी. होती है।

कीट से नुकसान की पहचान व सक्रिय काल

गुलाबी सुंडी के नुकसान की पहचान अपेक्षाकृत कठिन होती है, क्योंकि लटें फलीय भागों के अंदर छुपकर तथा प्रकाश से दूर रहकर नुकसान करती हैं।

फिर भी अगर कलियाँ फूल एवं टिंडों को काटकर देखें तो छोटी अवस्था की लटें प्रायः फलीय भागों के ऊपरी हिस्सों (एपीकल पार्ट) में मिलती है।

फसल के लट युक्त फूल, गुलाब के फूल जैसे दिखाई देते हैं।

कीट ग्रस्त ऐसे फूलों की पंखुड़ियों से चिपकी होने के बावजूद भी अलग-अलग होने का प्रयास करती हुई देखी जा सकती है।

लम्बे जीवनकाल वाली लटें टिंडो में प्रवेश कर दो बीजों के आपस में जोड़कर व उन्हें अंदर से खाकर नुकसान पहुँचाती है।

कीट का सक्रिय काल मध्य जुलाई से मध्य अक्टूबर है।

 

किसान इस तरह पता करें आर्थिक हानि स्तर

आर्थिक हानि स्तर फसल के फलीय भागों में 10 प्रतिशत नुकसान दिखाई देने पर या 20 पौधों पर औसतन 20 लटें दिखाई देने पर या फसल की अवस्था में 5 से 8 नर पतंगे प्रति फेरोमेन ट्रैप के अंदर सप्ताह के अंदर में 3 से 4 दिखाई देने पर किया जा सकता है।

फसल के अंदर पौधों का निरीक्षण इस तरह करें कि खेत के प्रत्येक कोने, हिस्से तथा बीच में से देखे गए पौधें, इनमें शामिल हों।

प्रत्येक पौधे के ऊपर एवं उससे नीचे गिर हुए फलीय भागों (कलियाँ, फूल एवं टिंडे) का निरीक्षण कर प्रतिशत नुकसान का पता लगाया जा सकता है।

इन्हीं 20 पौधों पर कुल मौजूद लटों की संख्या से प्रति पौधा औसतन लट संख्या से प्रति पौधा औसतन लट संख्या मालूम की जा सकती है।

 

किसान इस तरह करें कीट का नियंत्रण

15 अप्रैल से 15 मई के मध्य बुआई की गई फसल में सुंडी का प्रकोप प्रायः कम देखा गया है।

किसान नर पतंगों को नष्ट करने हेतु लिंग आकर्षण जाल (फेरोमोन ट्रैप) 5 प्रति हेक्टेयर लगाएँ।

ऐसे सभी फूल जिनकी पंखुडियाँ ऊपर से चिपकी हो उन्हें हाथ से तोड़कर उनके अंदर मौजूद गुलाबी सूँड़ियों को नष्ट किया जा सकता है।

यह प्रक्रिया सप्ताह में कम से कम एक बार अवश्य करें। 

किसान फसल की बुआई के 60 दिनों के बाद नीम के बीजों का अर्क 5% + नीम का तेल ( 5 मिली॰/ली) को मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है।

 

इन में से किसी एक कीटनाशक दवा का करें प्रयोग

किसान कपास में गुलाबी सुंडी को ख़त्म करने के लिए रासायनिक दवाओं का प्रयोग कर सकते हैं।

इसके लिए किसान नीचे दिए गए कीटनाशकों में से किसी एक का प्रयोग करें:-

  • साइपरमेथ्रिन 10 प्रतिशत ई.सी.- 1.0 मिली. प्रति लीटर पानी
  • मेलिथियान 50 प्रतिशत  ई.सी. – 2.0 मिली. प्रति लीटर पानी
  • साइपरमेथ्रिन 25 प्रतिशत ई.सी.- 0.4 मिली. प्रति लीटर पानी
  • डेल्टामेथ्रिन 2.8 प्रतिशत ई.सी. – 1.0 मिली. प्रति लीटर पानी

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