देश में रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं है, देश के अधिकांश किसान इस समय गेहूं की खेती करते हैं।
गेहूं की खेती के लिए कृषि विश्वविद्यालयों के द्वारा गेहूं नई उन्नत किस्में विकसित की गई हैं जिनकी बुआई अलग-अलग समय पर की जाती है।
ऐसे में किसान बुआई के समय के अनुसार किस्मों का चयन कर अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
इसको लेकर भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा किसानों के लिए सलाह जारी की गई है।
गेहूं अनुसंधान संस्थान ने जारी की सलाह
संस्थान द्वारा गेहूं की समय पर बोई जाने वाली किस्मों, देरी से बोई जाने वाली और बहुत देर से बोई जाने वाली किस्मों के बारे में जानकारी दी गई है।
इसमें किसान जब गेहूं की बुआई करें तो चेक कर लें कि उनके द्वारा बोई गई किस्म उपयुक्त है या नहीं।
20 नवम्बर (समय पर बुआई) तक बोई जाने वाली गेहूं की किस्में
इन किस्मों की बुआई किसान 20 नवम्बर तक कर सकते हैं। यह किस्में सिंचित अवस्था के लिये उपयुक्त है।
इसमें अलग-लाग राज्यों के लिए उपयुक्त किस्में इस प्रकार है:-
- DBW 187, DBW 222, HD 3406, PBW 826, PBW 3226, HD 3086, WH 1105 किस्मों की खेती के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के कुछ भाग और पश्चिमी यूपी के लिये उपयुक्त है।
- DBW 187, PBW 826, HD 3411, DBW 222, HD 3086, K 1006, किस्मों की खेती पूर्वी यूपी, बिहार, बंगाल और झारखंड के लिये उपयुक्त है।
- DBW 303, DBW 187, HI 1636, MACS 6768, JW 366 यह किस्में एमपी, गुजरात और राजस्थान राज्य के लिए उपयुक्त है।
- DBW 168, MACS 6478, UAS 304 और MACS 6222 किस्में महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्य के लिए उपयुक्त है।
25 दिसंबर ( देरी से बुआई) तक बोई जाने वाली गेहूं की किस्में
इन किस्मों की बुआई किसान सिंचित क्षेत्रों में 25 दिसंबर तक कर सकते हैं।
इसमें अलग-लाग राज्यों के लिए उपयुक्त किस्में इस प्रकार है:-
- PBW 752, PBW 771, DBW 173, JKW 261, HD 3059, WH 1021 किस्में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के कुछ हिस्से और पश्चिमी यूपी के लिये उपयुक्त है।
- DBW 316, PBW 833, DBW 107, HD 3118 JKW 261, PBW 752 किस्में पूर्वी यूपी, बिहार, बंगाल और झारखंड के लिये उपयुक्त हैं।
- HD 3407, HI 1634, CG 1029, MP 3336 गेहूं की किस्में मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान के लिए उपयुक्त हैं।
बहुत अधिक देरी से बोई जाने वाली गेहूं की किस्में
ऐसे किसान जो 25 दिसंबर के बाद गेहूं की खेती करने वाले हैं वे किसान देरी से बोई जाने वाली किस्में जिनमें HD 3271, HI1621 एवं WR 544 किस्में शामिल है, की खेती कर सकते हैं।
यह सभी किस्में सिंचित क्षेत्रों में देरी से बुआई के लिए उपयुक्त है।
यह भी पढ़ें : रबी फसलों की खेती में अपनाएं ये बीज उपचार की ये 4 विधियां