बीज संघ ने करवाया पेटेंट, लाभकारी फसलों के बीजों पर रहेगा फोकस
सहकारी क्षेत्र के माध्यम से आगामी पांच साल में 50 प्रतिशत बीज की पूर्ति का लक्ष्य
खेती के लिए सबसे अहम आवश्यकता गुणवत्तायुक्त बीज की होती है। प्रदेश में 80 प्रतिशत बीज आपूर्ति निजी कंपनियों के माध्यम से होती है।
कई बार अंकुरण न होने या फल न लगने की शिकायतें आती हैं लेकिन जब तक यह बात सामने आती है तब तक दोबारा बोवनी की स्थिति नहीं बचती और किसान को बड़ी आर्थिक क्षति हो जाती है।
इससे बचाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार किसानों को उन्नत किस्म के प्रमाणित बीज उपलब्ध कराएगी।
इसके लिए बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन कार्यक्रम हाथ में लिया जाएगा। जिन किसानों को इसमें संलग्न किया जाएगा उनके द्वारा उत्पादित बीज का 70 प्रतिशत खरीदने की गारंटी भी दी जाएगी।
मध्य प्रदेश का यह बीज चीता ब्रांड के नाम से बेचा जाएगा। बीज संघ ने इसका पेटेंट भी करवा लिया है। फोकस लाभकारी और आगामी समय की आवश्यकता वाले बीजों पर रहेगा।
चीता नाम से मप्र का अपना बीज ब्रांड होगा। यह बीज विश्वास की गारंटी रहेगा। बीज उत्पादन कार्यक्रम की हर स्तर पर तगड़ी निगरानी होगी।
उन फसलों के बीज पर फोकस किया जाएगा जिनकी भविष्य में मांग बढ़ेगी। किसान का पंजीयन करके उससे वैज्ञानिक तरीके से बीज उत्पादन कराएंगे। – विश्वास सारंग सहकारिता मंत्री, मध्य प्रदेश
समितियों से 70% प्रमाणित बीज लेकर किसानों को देंगे
राज्य सरकार ने तय किया है कि बीज उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत जिन किसानों से बीज उत्पादन कराया जाता है, उसका 70 प्रतिशत हिस्सा बीज संघ खरीदेगा।
इसके दो लाभ होंगे, एक तो किसान को यह भरोसा होगा कि उसके उत्पादन का 70 प्रतिशत हिस्सा तो सरकार ही खरीद लेगी और दूसरा यह कि उसके स्वयं के लिए बीज भी तैयार हो जाएगा।
बीज गुणवत्तायुक्त हो इसके लिए किसानों का पंजीयन करके उन्हें प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा। मृदा परीक्षण भी किया जाएगा।
समितियां आठ लाख क्विंटल बीज उत्पादन कर रहीं
प्रदेश में बीज उत्पादन का काम 873 सहकारी समितियां कर रही है। इनसे जुड़े हुए किसानों को सहकारी संघ आधार बीज देता है।
ये जो बीज उत्पादन करती हैं, उसका प्रमाणीकरण कराकर किसानों को प्राथमिक कृषि साख समितियों के माध्यम से वितरित किया जाता है।
प्रदेश में प्रतिवर्ष खरीफ और रबी सीजन की फसलों के लिए लगभग 31 लाख क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है।
सहकारिता के माध्यम से लगभग आठ लाख क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को दिया जाता है। खरीफ सीजन 2025 के लिए 1,80,870 क्विंटल बीज दिया गया है।
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