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किसानों को सस्ते दामों पर मिलेगा परागण रहित बेबीकॉर्न बीज

Posted on February 13, 2021February 12, 2021

 

देश में कई किसान मक्का की खेती करके अच्छा मुनाफ़ा कमा रहे हैं. ऐसे में बेबीकॉन उत्पादक किसानों और इसके स्वादिष्ट व पोषक तत्वों से भरपूर व्यंजनों को पसंद करने वालों के लिए एक बहुत अच्छी खबर है.

 

दरअसल, देश में पहले परागण रहित बेबीकॉर्न मक्का बीज बनाने में सफलता मिल चुकी है. बता दें कि इसके ट्रायल का आखिरी साल चल रहा है. अगर इस शोध में सफलता मिल गई, तो आने वाले समय में बेबीकॉर्न उत्पादक किसानों को सरकारी अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से न्यूनतम दर पर बीज प्राप्त हो पाएगा.  

जानकारी के लिए बता दें कि आईएआरआई भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान-पूसा नई दिल्ली और चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र करनाल ने संयुक्त रूप से अनुसंधान कर मक्का की हाइब्रिड किस्म एचएम-4 को मेल स्टेराइल में परिवर्तित किया है.

बता दें कि अभी तक देश में जितनी भी मक्का किस्में बेबीकार्न के लिए इस्तेमाल होती हैं, वे सभी परागण वाली हैं.

 

यह भी पढ़े : 15 फरवरी के बाद इन राज्यों में हो सकती बेमौसम बारिश

क्यों अच्छे हैं मेल स्टेराइल बीज

किसानों को बेबीकॉर्न उगाने के लिए मक्का के पौधे के ऊपरी हिस्से से फूल तुड़वाने में श्रमिक लगाने पड़ते हैं.

इसके लिए उनका अतिरिक्त खर्च भी होता है, इसलिए यह वजह काफी है कि किसान मेल स्टेराइल बीज पसंद करते हैं. यह विदेशों से आयात होता है, लेकिन आयातित बीज महंगा पड़ता है.

 

दिसंबर-जनवरी छोड़ सालभर होगी खेती

इसकी खेती दिसंबर व जनवरी में छोड़कर सालभर कर सकते हैं. इसकी खेती उत्तर भारत में आसानी से की जा सकती है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान-पूसा नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डा. फिरोज हुसैन के मुताबिक, हाइब्रिड एचएम-4 किस्म गुणों से भरपूर है, साथ ही इसे मेल स्टेराइल में परिवर्तित किया जा सकता है.

बता दें कि बेबीकॉर्न अचार, सूप, फास्ट फूड, पिज्जा में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा इसकी बर्फी भी बनाई गई है. इसमें मौसमी हरी सब्जियों की तरह सभी न्यूट्रेंट मौजूद होते हैं. खास बात यह है कि भुट्टे पर छिलका रहने से केमिकल का असर नहीं होता है.

 

आयात होता है बीज

भारत में परागण रहित बीज बनाने पर विशेष काम नहीं हुआ है, लेकिन अब सिजेंटा-5414 किस्म का बीज मिलता है, जो विदेश से आयात होता है. यह बीज 600 रुपए प्रति किलो मिलता है. अगर देश में बीज उत्पादन किया जाए, तो किसान को 200 रुपए किलो तक बीज मिल सकता है.

 

यह भी पढ़े : 16 से 20 फरवरी के बीच बारिश होने या गरज के साथ बौछारें गिरने की संभावना

 

स्त्रोत : कृषि जागरण 

 

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