देश में किसान हित में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। ऐसे में अधिक से अधिक किसानों को पारदर्शिता के साथ इन सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा अब किसानों का पंजीकरण ऑनलाइन कराया जा रहा है।
इस कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने सभी किसानों को ऑनलाइन ही योजनाओं के आवेदन की व्यवस्था शुरू की है।
इसके लिए राज्य के किसानों को एमपी किसान एप पर ऑनलाइन अपना पंजीकरण कराना होगा।
ऑनलाइन पंजीयन
इस संबंध में टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले के कृषि उप संचालक अशोक कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग में संचालित विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ लेने के लिए शासन के नए दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य के सभी किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
ऐसे में सभी किसानों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेने के लिए “MP Kisan App” पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।
पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज
किसानों को एप पर पंजीकरण या आवेदन के लिए सबसे पहले कृषक प्रोफाईल बनाना होगा।
- इसके लिए किसानों के पास आधार नम्बर,
- भूमि से संबंधित जानकारी (खसरा/जिला, तहसील, ग्राम),
- समग्र आईडी,
- कृषक का जाति प्रमाण पत्र (यदि आवेदक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति का हो),
- मोबाईल नम्बर,
- आधार से लिंक नम्बर वाला मोबाइल ओटीपी आधारित वेरीफिकेशन के लिए,
- किसान के सक्रिय बैंक खाते की जानकारी,
- विद्युत कनेक्शन होने की स्थिति में आईव्हीआरएस नम्बर की आवश्यकता होगी।
वहीं वन अधिकार अंतर्गत भूमि धारक कृषक को एमपी किसान पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करा सकते हैं।
किसान इस तरह करें अपना पंजीयन
राज्य के सभी किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन MP Kisan App (Download or Install कर) पर पंजीकरण कराना होगा।
किसान यह पंजीकरण स्वयं कंप्यूटर या मोबाईल से कर सकते हैं अथवा कृषक मित्र/कॉमन सर्विस सेंटर, कृषि विस्तार अधिकारियों, अन्य प्रसार कार्यकर्ताओं आदि से कहकर किसान अपनी कृषक की प्रोफाईल तैयार करा सकते हैं।
बता दें कि मध्य प्रदेश में पहले ही कृषि यंत्रों, सिंचाई यंत्रों सहित उद्यानिकी विभाग की योजनाओं को ऑनलाइन किया जा चुका है।
जिससे किसान सीधे ही इन पोर्टल पर पंजीकरण कर विभिन्न योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
वहीं अब किसान एमपी किसान एप पर अपना पंजीकरण कराकर सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ भी ले सकेंगे।
योजनाओं का क्रियान्वयन ऑनलाइन होने से किसानों को अनुदान की राशि सीधे ही उनके बैंक खाते में भेजी जा सकेगी।