सहकार समितियों से लोन
किसानों को कृषि कार्य के लिए बैंकों से लोन दिया जाता है जिसका मकसद यह रहता है की किसान कृषि कार्य के लिए बाजार से या साहूकार से ज्यादा ब्याज पर पैसा लेने से बचे।
इसके लिए केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 1998 से किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी। अब इस योजना का दायरा लगातार बढाया जा रहा है।
इसके अंतर्गत देश के किसान किसी भी बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर 4 प्रतिशत के ब्याज पर 3 लाख रूपये तक का लोन प्राप्त कर सकता है।
यह लोन किसान न केवल फसल उत्पादन के लिए बल्कि पशु पालन एवं मछली पालन के लिए भी ले सकते हैं।
इसके अलावा राज्यों के द्वारा भी कृषि कार्य के लिए सहकारी बैंक से फसली ऋण किसानों को उपलब्ध कराया जाता है।
फसली ऋण फसल के अनुसार एवं साख सीमा के अनुसार किसानों को दिया जाता है । जैसे खरीफ फसल, रबी फसल तथा मौसमी फसल के लिए ऋण दिया जाता है।
यह ऋण भी कम ब्याज के साथ – साथ कुछ राज्यों के द्वारा ब्याज मुक्त फसली ऋण भी किसानों को दिया जाता है। सहकारी बैंक नगद ऋण के साथ – साथ उर्वरक पर भी ऋण देती हैं। जिससे किसान समय पर फसल के लिए उर्वरक खरीद सकते है।
अब सहकारी बैंक का दायरा बढाकर कृषि के अन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है। दरअसल केंद्र सरकार के द्वारा संचालित योजना आत्म निर्भर भारत को सफल बनाने के लिए कृषि के सभी क्षेत्रों में सहकारी बैंक का दायरा बढ़ाया जा रहा है।
इसके तहत मध्यप्रदेश एवं हरियाणा राज्य सरकार ने पहल शुरू कर दी है अब यहाँ सहकारी ऋण समितियों को बहु-सेवा केंद्र के रूप में विकसित की जा रही हैं।
किसान 1 प्रतिशत की ब्याज दर पर ले सकेगें ऋण
सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत दिया जानेवाला ऋण कृषि आधारभुत संरचना निधि(एआईएफ) के साथ समायोजन करने के उपरांत मात्र एक प्रतिशत की ब्याज दर पर उपलब्ध रहेगा और योजना के अंतर्गत आगामी वर्ष में और अधिक समितियों को जोड़ने का प्रयास भी किया जाएगा।
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मध्यप्रदेश में भी सहकारी बैंक बहुद्देशीय ऋण ले सकेगें किसान
मध्य प्रदेश में भी राज्य के सहकारी बैंक के द्वारा बहुद्देशीय समितियों में परिवर्तित किया जा रहा है।
इसके लिए राज्य के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ने 100 करोड़ रुपया नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में नाबार्ड की ओर से मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के एमडी श्री प्रदीप निखरा को चेक सौंपा है।
मंत्री श्री पटेल ने बताया कि नाबार्ड द्वारा उपलब्ध कराई गई इस राशि से प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों द्वारा कृषकों को भंडारण, ग्रेडिंग, सार्टिंग और अन्य कृषि सम्बन्धी सूचनाएं प्राप्त हो सकेंगी। इसके अलावा ई – मंडियों की सुविधा भी लोगों को मिल सकेगी।
कृषि ऋण समितियां बहु-सेवा केन्द्रों के रूप में की जाएगी विकसित
हरियाणा की प्राथमिक कृषि ऋण समितियां अब बहु–सेवा केंद्र के तौर पर काम करेगी। नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय, हरियाणा ने इनके अंतरण की योजना शुरू की है।
इस मोके पर हरियाणा के सहकारी मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने हरियाणा राज्य सहकारी बैंक के प्रबंधन निदेशक को 95 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को बहुद्देशीय सेवा केंद्र में परिवर्तित करने के लिए सेंधान्तिक स्वीकृत पत्र भी सौंपा।
इस अवसर पर सहकारी मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत प्राथमिक कृषि ऋण समितियां ग्रामीण भंडारण, कोल्ड स्टोरेज चेन इत्यादि परियोजनाओं को स्थापित कर आधुनिक कृषि संरचना का निर्माण कर सकती है।
उन्होंने बताया कि गावों के आस–पास कृषि आधारित उधोगों का विकास किया जाएगा, जिसमें कृषि उपज प्राथमिक प्रोसेसिंग आदि द्वारा वैल्यू एडिशन करके शहरों में बेचा जा सकेगा ताकि इसका लाभ गाँव तथा शहरी इलाकों को मिल सके।
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