अधिक पैदावार के लिए दिसंबर महीने में लगाएं गेहूं की यह उन्नत किस्में

देश में अभी गेहूं की कि बुआई का काम जोरों पर चल रहा है फिर भी कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक गेहूं की बुआई नहीं की है।

जिसको देखते हुए भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा किसानों को गेहूं की अधिक पैदावार लेने के लिए सलाह जारी की गई है।

अनुसंधान संस्थान द्वारा जारी सलाह में बताया गया है कि धान की कटाई में देरी और तापमान में उतार-चढ़ाव के बावजूद, गेहूं की बुआई में तेजी आई है और नवम्बर के अंत तक यह काफी संतोषजनक रही है।

वहीं जिन किसानों ने अभी तक गेहूं की बुआई नहीं की है उन्हें संस्थान की ओर से सलाह दी गई है कि वे बुआई के समय और कृषि-जलवायु स्थिति के आधार पर गेहूं की किस्मों का चयन बहुत सावधानी से करें ताकि अधिकतम उपज प्राप्त की जा सके।

 

गेहूं की खेती के लिए सुझाव

  • किसान अपने क्षेत्र और परिस्थिति के लिए देर से बुआई की क्षमता को ध्यान में रखते हुए सबसे उपयुक्त क़िस्म का चयन करें।
  • रोग संवेदनशील के जोखिम के लिए अन्य क्षेत्रों की किस्में बिलकुल न लगाएं।
  • अधिकतम उपज के लिए अपनी फसल को इष्टतम इनपुट (उर्वरक, सिंचाई, जल, शाकनाशी और कवकनाशी) के साथ प्रबंधित करें।
  • पानी बचाने और लागत में कटौती के लिए खेती के समय पर और विवेकपूर्ण सिंचाई करें।
  • गेहूं में पीलापन आने के कई कारण होते हैं, यदि फसल में पीलापन हो तो नाइट्रोजन (यूरिया) का अधिक प्रयोग ना करें। इसके अलावा कोहरे या बदल की स्थिति में नाइट्रोजन के उपयोग से बचें।
  • सिंचाई से पहले मौसम पर नजर रखें और यदि बारिश का पूर्वानुमान हो तो सिंचाई से बचें ताकि अधिक पानी की स्थिति से बचा जा सके।
  • फसल अवशेषों को या तो मिट्टी में ही रहने देना चाहिए या मिट्टी में मिला देना चाहिए तथा उन्हें जलाना नहीं चाहिए। मिट्टी की साथ पर फसल अवशेषों की उपस्थिति में गेहूं की बुआई के लिए हैप्पी सीडर या स्मार्ट सीडर यंत्र का उपयोग किया जा सकता है।
  • गेहूं की संरक्षण खेती में सिंचाई से ठीक पहले यूरिया की टॉप ड्रेसिंग करनी चाहिए।

 

किसान 25 दिसंबर तक लगायें गेहूं की यह किस्में

भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के कुछ भागों और पश्चिमी यूपी के लिये जहां सिंचाई की व्यवस्था हो वहाँ गेहूं की उन्नत किस्में जैसे PBW 752, PBW 771, DBW 173, JKW 261, HD 3059 एवं WH 1021 लगाने की सलाह दी गई है।

वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और झारखंड राज्यों में जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है वे किसान इस दौरान DBW 316, PBW 833, DBW 107, HD 3118, JKW 261 एवं PBW 752 किस्मों की बुआई कर सकते हैं।

इसके अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान (CZ) जोन में जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है वे किसान इस दौरान गेहूं की उन्नत किस्में जैसे HD 3407, HI 1634, CG 1029 एवं MP 3336 आदि की बुआई कर सकते हैं।

वहीं वे किसान जो 25 दिसंबर के बाद गेहूं की बुआई करना चाहते हैं वे किसान गेहूं की बहुत देरी से बोई जाने वाली क़िस्में जिसमें HD 3271, HI 1621, WR 544 शामिल हैं, लगा सकते हैं।

 

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