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फसल बीमा, केसीसी व फसल ऋण योजना के लाभ के लिए करना होगी फसल ई-गिरदावरी

ई-गिरदावरी

 

किसान अपने खेत की गिरदावरी ऑनलाइन करें, कैसे होती है ई-गिरदावरी, जानिए स्टेप बाय स्टेप

 

पूरी दुनिया में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। ऐसे में खेती किसानी के कार्यों में भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ रहा है।

टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से किसानों को अनेक प्रकार की सुविधाएं व समय की बचत के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी होता है।

केंद्रीय व राज्य सरकार अपने अपने स्तर पर किसानो को सुविधाएं प्रदान कर रही है।

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को एक और सुविधा प्रदान की है, यह सुविधा के तहत किसान अपने खेत की गिरदावरी स्वयं कर सकता है।

इसके लिए सरकार द्वारा एक एप भी जारी किया है।

इस ऐप के माध्यम से किसान अपने खेत की गिरदावरी करके स्वयं जानकारी को अपलोड कर सकता है, आइए जाने ऐप पर फसल की जानकारी कैसे अपलोड करें..

 

ई-गिरदावरी क्या है ?

यह खेती सम्बंधित एक प्रक्रिया है, जिसमे वर्ष में दो बार रबी और खरीफ की फसल के दौरान होती है।

गिरदावरी प्रक्रिया पटवारी द्वारा की जाती है।

इसमें खेत की जानकारी को शासन के राजस्व विभाग में दर्ज की जाती है, कितने रकबे में कितनी और कौन-सी फसल की बोवनी होनी।

पटवारी अपने क्षेत्र के किसानों के पास जाकर जानकारी को एकत्रित कर गिरदावरी रिपोर्ट को तैयार करते हैं।

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए “एमपी किसान एप (MP Kisan App)” डेवेलप किया है।

इस ऐप पर प्रदेश की भौगोलिक जानकारी दर्ज है। जमीन का रिकॉर्ड इस ऐप पर सुरक्षित है।

मध्यप्रदेश सरकार ने इस ऐप को इस प्रकार डिवेलप किया गया है कि इसे किसान स्वयं भी आपरेट यानी कि संचालित कर सकता है।

 

इतना ही नहीं अपनी जमीन का डाटा स्वयं देख सकता है एवं गिरदावरी करके इस ऐप पर डाटा प्रविष्ट कर सकता है।

किसान द्वारा अपनी जमीन का डाटा प्रविष्ट करना ही फसल ई-गिरदावरी हैं, मतलब किसानों को कहीं जाने की आवश्यकता नहीं ऑनलाइन एक इस ऐप के माध्यम से किसानों को सभी सुविधा मिल पाएगी।

 

किसान ई-गिरदावरी का उद्देश्य

  • गौरतलब है कि मध्य प्रदेश राजस्व विभाग में अमले की कमी है, वहीं टेक्नोलॉजी का दौर चल रहा है।
  • समय की बचत एवं किसान द्वारा स्वयं अपनी जमीन का रिकॉर्ड सुरक्षित करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने ई- गिरदावरी का कार्य शुरू किया है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य यही है कि किसानों के खेत की जानकारी सही-सही अपलोड हो सके।

 

ई-गिरदावरी योजना की विशेषताएं

  • फसल गिरदावरी एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से किसानों द्वारा बोई गई फसल से संबंधित पूर्ण जानकारी सरकार को उपलब्ध करवाई जाती है।
  • यह फसल गिरदावरी आवेदक किसान को प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई, फसल बीमा, बैंक ऋण आदि का लाभ प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होती है।
  • इस रिपोर्ट में अपनी फसल से संबंधित जानकारी दर्ज करवाने के लिए पटवारी की सहायता लेनी पड़ती है।
  • मध्य प्रदेश सरकार द्वारा फसल गिरदावरी की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी गई है।
  • प्रदेश के किसान स्मार्ट एप्लीकेशन फॉर रिवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन की आधिकारिक वेबसाइट एवं ऐप के माध्यम से बोई गई फसल की जानकारी दर्ज कर सकते हैं एवं अपनी फसल गिरदावरी रिपोर्ट को भी डाउनलोड कर सकते हैं।
  • यह एप प्ले स्टोर के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है।
  • यदि फसलों की जानकारी से संबंधित कोई भी समस्या आती है तो इस स्थिति में इस ऐप के माध्यम से शिकायत भी दर्ज की जा सकती है।
  • इस प्रक्रिया के माध्यम से समय और पैसे दोनों की बचत होगी तथा प्रणाली में पारदर्शिता भी आएगी।

 

ई-गिरदावरी की अंतिम तारीख कौन सी है ?

किसान ई-गिरदावरी अपनाएं व साथ ही अपने खेत से ही स्वयं फसल की जानकारी दर्ज कराएं।

किसान ई-गिरदावरी करवाने की अंतिम तिथि नजदिक आ गई है।

सरकार ने ई-गिरदावरी की समय-सीमा फसल की जानकारी एक अगस्त से 15 अगस्त 2022 तक दर्ज करा सकते हैं।

 

ई-गिरदावरी से प्राप्त रिकॉर्ड का यहां उपयोग होगा

गिरदावरी की उपयोगिता प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभ के लिए, किसान क्रेडिट कार्ड, फसल ऋण एवं कृषि ऋण, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज उपार्जन के लिए, फसल हानि की स्थिति के आंकलन में आवश्यक और कृषि योजनाओं के विभिन्न आवेदनों में उपयोगी रहेगी।

 

ई-गिरदावरी की प्रक्रिया स्टेप बाय स्टेप

  • भू-अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान ई-गिरदावरी की प्रक्रिया गूगल प्ले स्टोर से एमपी किसान एप डाउनलोड कर लॉगइन करें।
  • फसल स्वघोषणा/दावा-आपत्ति ऑप्शन पर क्लिक कर अपने खाते को जोड़ें।
  • प्लस ऑप्शन पर क्लिक कर जिला/तहसील/ग्राम/खसरा आदि का चयन करें।
  • खसरे पर क्लिक करने पर सेटेलाइट के माध्यम से संभावित फसल की जानकारी मिलेगी।
  • सहमत होने पर एक क्लिक करते ही खेत पर खड़े होकर यही जानकारी दर्ज हो जायेगी।
  • सेटेलाइट की जानकारी न होने अथवा सेटेलाइट की जानकारी से असहमत होने पर फसल की जानकारी खेत में खड़े होकर लाईव फोटो के साथ दर्ज कर सकते हैं।

 

ऑनलाइन ई-गिरदावरी रिपोर्ट कैसे चेक करें

मध्यप्रदेश सरकार ने फसल गिरदावरी रिपोर्ट देखने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन कर दी गई है।

अब प्रदेश के किसानों को अपनी फसल गिरदावरी की रिपोर्ट देखने के लिए किसी भी सरकारी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

किसान एमपी फसल गिरदावरी रिपोर्ट सारा ऐप के माध्यम से देख सकते है।

 

आवश्यक दस्तावेज
  • आवेदक मध्य प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए।
  • आवेदक किसान होना चाहिए।
  • आयु का प्रमाण
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
  • मोबाइल नंबर
  • ईमेल आईडी
  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आय का प्रमाण

 

गिरदावरी रिपोर्ट देखने की प्रक्रिया
  • सबसे पहले किसान को गिरदावरी के लिए आधिकारिक वेबसाइट स्मार्ट एप्लीकेशन फॉर रिवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन (SARA) पर जाना होगा।
  • वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने एक होम खुलेगा, जिसपर आपको फसल गिरदावरी के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  • जिसके बाद अपनी आवश्यकतानुसार विकल्पों का चयन करें (गिरदावरी की स्थिति (रकबावार), गिरधारी % के आधार पर गांवों की संख्या जिलेवार रिपोर्ट, हल्कावार/ग्रामवार प्रगति रिपोर्ट, फसल वार रिपोर्ट)
  • फिर आपके सामने एक नए पेज पर आपको सीजन, जिला, तहसील, आरआई, हल्का, ग्राम आदि की जानकारी दर्ज करनी होगी।
  • अब आप रिपोर्ट देखें के विकल्प पर क्लिक करके रिपोर्ट देख सकते है।

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