एक बगिया मां के नाम योजना
सरकार द्वारा एक बगिया मां के नाम योजना के तहत 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाएं जाएंगे।
योजना के तहत हितग्राहियों को पौधे, खाद और गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कटीले तार की फेंसिंग और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जल कुंड बनाने के लिए अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
बरसात के मौसम में पर्यावरण संरक्षण के साथ हरियाली क्षेत्र बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए सरकार द्वारा पौधरोपण का कार्य किया जाता है।
इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश की स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत “एक बगिया मां के नाम” परियोजना शुरू की गई है।
योजना के अंतर्गत स्व-सहायता समूह की महिलाओं की निजी भूमि पर फलोद्यान की बगिया विकसित की जाएगी।
प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब अत्याधुनिक तरीके से पौध रोपण का कार्य किया जाएगा। ऐप के माध्यम से हितग्राहियों का चयन किया जाएगा।
परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर मनरेगा परिषद ने तैयारी शुरू कर दी है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इस संबंध में निर्देश भी जारी किए गए हैं।
एक बगिया मां के नाम से होगा ऐप
“एक बगिया मां के नाम” परियोजना का लाभ लेने वाली आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की महिला का चयन “एक बगिया मां के नाम ऐप” से किया जाएगा।
मनरेगा परिषद द्वारा मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से ऐप का निर्माण किया गया है। अन्य किसी माध्यम से हितग्राही का चयन नहीं किया जाएगा।
चयनित महिला हितग्राही के नाम पर भूमि नहीं होने की दशा में उस महिला के पति, पिता, ससुर और पुत्र की भूमि पर सहमति के आधार पर पौध-रोपण किया जाएगा।
30 हजार से अधिक महिलाओं को मिलेगा लाभ
एक बगिया मां के नाम परियोजना अंतर्गत प्रदेश की 30 हजार से अधिक स्व-सहायता समूह की महिलाओं को लाभ मिलेगा।
इनकी निजी जमीन पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाएं जाएंगे। जिससे समूह की महिलाओं की आर्थिक तरक्की होगी।
परियोजना के अंतर्गत हितग्राहियों को पौधे, खाद और गड्डे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कटीले तार फेंसिंग और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जल कुंड बनाने के लिए अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।
योजना के अंतर्गत प्रत्येक ब्लॉक में न्यूनतम 100 हितग्राहियों का चयन किया जाएगा। चयनित पात्र महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण महिलाओं को वर्ष में दो बार दिया जाएगा।
आधा एकड़ जमीन की होगी आवश्यकता
एक बगिया मां के नाम परियोजना का लाभ लेने के लिए चयनित हुई समूह की महिला के पास बगिया लगाने के लिए भूमि भी निर्धारित की गई है।
चयनित महिला के पास न्यूनतम आधा एकड़ या अधिकतम एक एकड़ जमीन होना अनिवार्य है।
फलोद्यान की बगिया लगाने के लिए चयनित हितग्राहियों की सहायता के लिए कृषि सखी नियुक्त की जाएगी।
ये कृषि सखी हितग्राहियों को खाद, पानी, कीटों की रोकथाम, जैविक खाद, जैविक कीटनाशक तैयार कराने और अंतर्वर्तीय फसलों की खेती के बारे में जानकारी देगी।
प्रत्येक 25 एकड़ के फलदार पौध रोपण पर एक कृषि सखी नियुक्त होगी।
सैटेलाइट से होगी निगरानी
योजना के तहत पौध रोपण का कार्य सही तरीके से हो रहा है या नहीं। पौधे कहाँ पर लगे है या नहीं। इसकी ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से निगरानी भी की जाएगी।
मनरेगा परिषद द्वारा पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत धार जिले की जनपद पंचायत बाग के ग्राम पंचायत बाग, बाणदा, घोटियादेव, पिपरियापानी, झाबा, चिकापोटी में इसका परीक्षण भी हो गया है।
पर्यवेक्षण के लिए अलग से एक डेश बोर्ड भी बनाया जाएगा। साथ ही प्रदर्शन के आधार पर प्रथम 3 जिले, 10 जनपद पंचायत एवं 25 ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
15 जुलाई तक होगा हितग्राहियों का चयन
एक बगिया मां के नाम परियोजना के लिए पात्र महिला हितग्राहियों के चयन की प्रक्रिया 15 जुलाई तक पूरी कर ली जाएगी।
हितग्राही की भूमि का स्थल निरीक्षण उसका भौतिक सत्यापन, तकनीकी व प्रशासकीय स्वीकृति का कार्य 25 जुलाई तक किया जाएगा।
पौधरोपण के लिए गड्ढे की खुदाई, तार फेंसिंग सहित पौधरोपण से संबंधित अन्य तैयारियां 14 अगस्त तक की जाएंगी।
अभियान के रूप में पौधरोपण का कार्य 15 अगस्त से 15 सितंबर तक होगा।
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