किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्य सभा में बताया कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उपलब्ध करने के लिए राज्य सरकारों को अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
जिसके तहत अप्रैल से जुलाई महीने के दौरान देश भर में कई छापे मारे गए हैं।
किसानों को गुणवत्ता युक्त खाद-उर्वरक उपलब्ध कराने के साथ ही उर्वरक की कालाबाजारी रोकने और नकली उर्वरक पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके लिए सरकार द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इस कड़ी में राज्यसभा में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि भारत सरकार ने उर्वरकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक अभियान के तहत राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं।
सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किए गए मूल्यांकन के आधार पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने बताया कि यह सुनिश्चित करना राज्यों की जिम्मेदारी है कि किसानों को उचित स्थान पर और आवश्यकता पड़ने पर पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध हों।
अप्रैल से जुलाई तक देश भर में मारे गए छापे
कृषि राज्य मंत्री ने राज्य सभा में बताया कि उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 मानकों के अनुरूप न होने वाले किसी भी उर्वरक के निर्माण/आयात/बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
जिसके तहत राज्य सरकारों को उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है।
राज्य सरकारें नकली और निम्न स्तर के उत्पादों की जाँच के लिए निरीक्षण और नमूना संग्रह के माध्यम से उर्वरकों के निर्माण और बिक्री की नियमित निगरानी करती हैं।
उन्होंने लिखित जवाब में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों द्वारा की जा रही कार्रवाई की नियमित निगरानी कर रही है।
अप्रैल 2025 से लेकर 25 जुलाई 2025 के दौरान देश भर में कई छापे मारे गए हैं, जिनमें 5,302 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, 2,172 लाइसेंस निलंबित/रद्द किए गए और चूककर्ताओं के विरुद्ध 170 प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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