सरकार ने 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया

केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) बढ़ा दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को यह फैसला लिया।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि धान की नई MSP 2,300 रुपए तय की गई है, जो पिछली MSP से 117 रुपए ज्यादा है।

सरकार हर फसल सीजन से पहले CACP यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेज की सिफारिश पर MSP तय करती है।

यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइस का काम करती है। यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।

 

किसानों के लिए मोदी सरकार की सौगात

कपास की नई MSP 7,121 रुपए तय की गई है। इसकी एक दूसरी किस्म की नई MSP 7,521 रुपए कर दी गई है, जो पहले से 501 रुपए ज्यादा है। वैष्णव ने बताया ने कि देश में 2 लाख नए गोदाम भी बनाए जाएंगे।

नई MSP से सरकार पर 2 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 35 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि MSP फसल की लागत का कम से कम 1.5 गुना होनी चाहिए।

 

MSP में 23 फसलें शामिल हैं

  • 7 प्रकार के अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ)
  • 5 प्रकार की दालें (चना, अरहर/तुअर, उड़द, मूंग और मसूर)
  • 7 तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड)
  • 4 व्यावसायिक फसलें (कपास, गन्ना, खोपरा, कच्चा जूट)

 

खरीफ की फसलों में कौन-कौन सी फसलें आती हैं?

धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि।

खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं। सितंबर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है।

 

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