सरकार ने एक बार फिर से अफीम पोस्त की खेती के लिए लाइसेंसिंग पॉलिसी का ऐलान किया है.
लेकिन अभी यह खेती करने के लिए केवल तीन ही प्रदेशों को सुविधा प्राप्त है.
सरकार ने मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए इस लाइसेंसिंग पॉलिसी का ऐलान किया है.
अफीम खेती लाइसेंस
सरकार ने मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए वर्ष 2023-24 के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी की खबर है.
किसान अब इस खेती को करने के लिए सरकार से लाइसेंस ले सकते हैं.
सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस प्रक्रिया में लगभग 1.12 लाख किसान शामिल हो सकते हैं.
यह आंकड़ा पिछली साल की तुलना में 27000 ज्यादा है.
आपको जानकारी के लिए बता दें कि अफीम की खेती करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है.
लेकिन अगर हम मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के किसानों की बात करें तो इन तीनों ही प्रदेशों को मिलाकर कुल 1.12 लाख किसान सरकार से लाइसेंस लेकर इसकी खेती कर सकेगें.
जानें किस प्रदेश में कितने किसान लेंगे लाइसेंस
सरकार हर साल कुछ किसानों को अफीम पोस्त की खेती करने के लिए लाइसेंस जारी करती है.
साथ ही किसान सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के आधार पर ही खेती कर सकते हैं.
इस साल की नियमावली के आधार पर सरकार 54,500 मध्यप्रदेश के किसानों को लाइसेंस प्रदान करेगी.
वहीं अगर राजस्थान की बात करें तो 47,000 किसानों को यह लाइसेंस दिया जायेगा.
उत्तर प्रदेश में इसकी खेती के लिए सबसे कम लाइसेंस दिए जाएंगे जिनकी संख्या 10,500 होगी.
जानें कौन से किसान ले सकते हैं लाइसेंस
सरकार की इस लाइसेंस नियमावली में केवल वही किसान अप्लाई कर सकते हैं जो पहले भी इसकी खेती को कर चुके हैं और सरकार पहले भी उनको इस खेती के लिए लाइसेंस प्रदान कर चुकी है.
लाइसेंस लेने के लिए नियमानुसार केवल वही किसान योग्य होगें जिन्होंने पहले भी मार्फीन (MQY-M) की एक औसत उपज में 4.2 kg हेक्टेयर या इससे अधिक की उपज पहले की हो या मॉर्फीन सामग्री उपज (3.0 किलोग्राम से 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर) गोंद की खेती की हो.
सरकार केवल 5 साल की लाइसेंस वैधता के साथ कंसेंट्रेटेड पॉपी (पोस्त) स्ट्रॉ (खसखस या भूसा) (CPS) आधारित खेती के लिए योग्य किसान इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.