सरकार ने मछली पालन क्षेत्र में शुरू की नई योजना, 1.7 लाख लोगों को मिलेगी नौकरी

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना को मिली मंजूरी

देश में किसानों की आय बढ़ाने एवं रोजगार सृजन के लिए सरकार द्वारा मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इस क्रम में 8 फरवरी के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र की उप-योजना “प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई)” को मंजूरी दे दी है।

सरकार योजना के तहत कुल 6,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। योजना को 2023-24 से 2026-27 तक अगले चार वर्षों के लिए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा।

 

क्या है प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का उद्देश्य

सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक बनाना और मत्स्य पालन से जुड़े सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को समर्थन देना है।

फिशरीज सेक्टर में महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बावजूद इस क्षेत्र में कई क्षेत्रीय चुनौतियां महसूस की जा रही हैं।

फसल जोखिम, कार्य आधारित पहचान की कमी, लोन तक पहुंच ना होना, छोटी और माइक्रो यूनिट द्वारा बेची जाने वाली मछलियों की सुरक्षा और गुणवत्ता बरकरार रखना जैसे मुद्दों को नई प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के लक्ष्य छह हजार करोड़ रुपये से दूर किया जाएगा।

 

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का फायदा किसे मिलेगा?

सरकार के मुताबिक योजना का लाभ मछुआरे, मछली (जलीय कृषि) किसान, मछली श्रमिक, मछली विक्रेता या ऐसे अन्य व्यक्ति जो सीधे मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला से जुड़े हुए लोगों को होगा।

इसके साथ ही प्रॉपराइटरी फर्मों, साझेदारी फर्मों और भारत में पंजीकृत कंपनियों, समितियां, सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी), सहकारी समितियों, संघों,

स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), मछली किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ) जैसे ग्राम स्तरीय संगठनों के रूप में सूक्ष्म और लघु उद्यम और मत्स्य पालन व जलीय कृषि मूल्य श्रृंखला में लगे स्टार्टअप, किसान उत्पादक संगठनों FPO को योजना का लाभ मिलेगा। 

 

मछली पालन क्षेत्र में मिलेगी बीमा की सुविधा

योजना के घटक बी के तहत उचित बीमा उत्पाद तैयार करने की सुविधा प्रदान करने और संचालन को बड़े स्तर पर बढ़ाने के लिए परियोजना अवधि के दौरान कम से कम 1 लाख हेक्टेयर जलीय कृषि फार्मों को कवर करने का प्रस्ताव है।

इसके अलावा, 4 हेक्टेयर जल प्रसार क्षेत्र और उससे कम के खेत के आकार के साथ बीमा खरीदने के इच्छुक किसानों को एकमुश्त प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रस्ताव है।

एकमुश्त प्रोत्साहन’ प्रीमियम की लागत की 40 प्रतिशत की दर से होगा, जो जलीय कृषि फार्म के जल प्रसार क्षेत्र के प्रति हेक्टेयर 25000 रुपये की सीमा के अधीन होगा।

एकल किसान को देय अधिकतम प्रोत्साहन राशि 1,00,000 रुपये होगी और प्रोत्साहन के लिए पात्र अधिकतम खेत का आकार 4 हेक्टेयर जल प्रसार क्षेत्र है।

 

मछली पालन में बिजनेस शुरू करने के लिए दिया जाएगा अनुदान
  • मत्स्य पालन क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला दक्षता में सुधार के लिए सूक्ष्म उद्यमों को समर्थन के तहत सामान्य श्रेणी में सूक्ष्म उद्यम के लिए प्रदर्शन अनुदान कुल निवेश का 25 प्रतिशत या 35 लाख रुपये, जो भी कम हो, और एससी, एसटी और महिलाओं के स्वामित्व वाले सूक्ष्म उद्यमों के लिए कुल निवेश का 35 प्रतिशत या 45 लाख रुपये, जो भी कम हो, दिया जाएगा।
  • ग्राम स्तरीय संगठनों और एसएचजी, एफएफपीओ और सहकारी समितियों के संघों के लिए प्रदर्शन अनुदान कुल निवेश का 35 प्रतिशत या 200 लाख रुपये, जो भी कम हो, अनुदान दिया जाएगा।
  • कुल निवेश में नए संयंत्र और मशीनरी, तकनीकी सिविल/इलेक्ट्रिकल कार्यों और संबंधित बुनियादी ढांचे, परिवहन और वितरण बुनियादी ढांचे, नवीकरण ऊर्जा उपकरण सहित ऊर्जा कुशल उपकरणों, मूल्य श्रृंखला दक्षता में सुधार के लिए किए गए प्रयास सहित प्रौद्योगिकी उपाय और योजना के तहत आवेदन के वर्ष में सृजित अतिरिक्त नौकरियों के लिए वेतन बिल पर हुए पूंजीगत निवेश पर किया गया व्यय शामिल होगा।

 

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