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सरकार किसानों से सीधे समर्थन मूल्य पर खरीदेगी यह फसलें

देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही उन्हें विभिन्न फसलों के उचित दाम दिलाने के लिए कई प्रयास कर रही है।

इस कड़ी में केंद्र सरकार ने बीते दिनों किसानों से ऑनलाइन दलहन फसलें खरीदने की घोषणा की थी, जिसके लिये किसानों से ऑनलाइन पंजीयन कराने हेतु एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया था।

अब सरकार ने इन फसलों को किसान से खरीद करने के लिए लक्ष्य जारी कर दिए हैं।

 

किसानों को यहाँ करना होगा ऑनलाइन पंजीयन

केंद्र सरकार देश के किसानों से सीधे दलहन फसलें ख़ासकर मसूर और अरहर की खरीद करने जा रही है।

सरकार किसानों से बफर स्टॉक की पूर्ति के लिए  6 लाख टन दाल की खरीद सीधे करेगी।

इसके लिए किसान ई-समृद्धि पोर्टल पर अपना पंजीयन करा सकते हैं।

खरीद प्रक्रिया को सहकारी समिति NAFED और NCCF के जरिए पूरा किया जाएगा।

बफर खरीद मूल्य पर दाल की सरकारी खरीद की प्रक्रिया जनवरी से चल रही है।

 

किसानों से की जाएगी 6 लाख टन दालों की खरीद

सहकारिता मंत्रालय के अनुसार किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सीधे उनसे अरहर और मसूर दाल की खरीद की जाएगी।

बफर स्टॉक के लिए सहकारी समितियों NAFED और NCCF ई-समृद्धि पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों से 6 लाख टन दाल की खरीद कर रही हैं।

इसमें 4 लाख टन अरहर की दाल खरीदी जाएगी और 2 लाख टन मसूर की दाल खरीदी जाएगी।

किसानों से यह फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य या इससे अधिक बाजार भाव के अनुसार की जाएगी, जिससे किसानों को इन फसलों के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है।

 

क्या है अभी मसूर और तूर फसलों का समर्थन मूल्य MSP

केंद्र सरकार ने पहले ही विभिन्न फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा कर दी है।

इस वर्ष सरकार ने 2023-24 में अरहर यानी तूर दाल की खरीद का मूल्य 7000 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

वहीं, मसूर दाल पर सरकार एमएसपी रेट रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए 6,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

सरकार इस रेट पर या इससे अधिक पर ही किसानों से इन फसलों की खरीद करेगी।

 

किसान कहाँ करें पंजीयन

महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, उड़ीसा, गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार झारखंड सहित अन्य राज्यों के किसान सीधे सरकार को अपनी उपज बेचने के लिए ई-समृद्धि पोर्टल esamridhi.in पर पंजीयन करा सकते हैं।

किसानों को पंजीयन के लिए आधार, मोबाइल, बैंक डीटेल्स के साथ ही केवाईसी/बैंक और भूमि की जानकारी देना होगा।

किसानों को खरीदी गई उपज का भुगतान सीधे डीबीटी के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा।

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