कृषि क्षेत्र में इन वस्तुओं पर कम किया गया जीएसटी

किसानों को मिलेगा यह लाभ

केंद्र सरकार ने हाल ही में जीएसटी दरों में कटौती की है जिसका लाभ देशभर के किसानों, कृषि एवं डेयरी क्षेत्र में काम करने वालों और पशुपालकों को मिलेगा।

कृषि उपकरणों, सौर ऊर्जा आधारित उपकरणों पर जीएसटी दरें कम होने के कारण कृषि की लागत घटेगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा।

जैव कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी घटाई गई है, जिससे किसानों को लाभ होगा।

साथ ही रासायनिक उर्वरकों से जैव उर्वरकों की तरफ किसानों की प्रवृत्ति निश्चित रूप से बढ़ेगी।

डेयरी क्षेत्र में अब दूध और पनीर पर से भी जीएसटी हटा दिया गया है जिससे आम आदमी को तो लाभ होगा ही, साथ ही किसानों, पशुपालकों और दूध उत्पादकों को भी फायदा होगा।

जीएसटी रिफार्म एकीकृत कृषि को भी बढ़ावा देगा। पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, कृषि वानिकी, पोल्ट्री फार्म में भी जीएसटी छूट का लाभ मिलेगा।

 

ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यंत्रों के दामों में आएगी कमी

  • ट्रैक्टर्स (1800 सीसी तक) पर जीएसटी घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगा, जिससे ट्रैक्टर के दामों में कमी आएगी।
  • वहीं ट्रैक्टर के कलपुर्जों पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगा। ट्रैक्टर के टायर, ट्यूब, ट्रैक्टर के हाइड्रोलिक पम्प सहित अन्य ट्रैक्टर के कलपुर्जे सस्ते हो जाएँगे।
  • इसके अलावा स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई, कटाई मशीनरी, ट्रैक्टर पार्ट्स पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगा।
  • 15 एचपी से अधिक शक्ति के फिक्स्ड स्पीड डीजल इंजन, कटाई या थ्रेसिंग मशीनरी, कम्पोस्ट मशीन पर जीएसटी 12 प्रतिशत से कम होकर 5 प्रतिशत हो जाएगा।
  • जीएसटी कम होने से ट्रैक्टरों की खरीद कीमत कम हो जाएगी, जिससे छोटे और मध्यम किसान भी ट्रैक्टर खरीद पाने में सक्षम होंगे। कम कीमतें कृषि में मशीनीकरण को बढ़ावा देंगी, जिससे किसानों को समय की बचत होगी, मैनुअल श्रम लागत कम होगी और फसल उत्पादकता में सुधार होगा।

 

उर्वरकों और जैविक कीटनाशक पर कम किया गया जीएसटी

  • अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड पर जीएसटी 18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत हो जाएगा। जिससे उर्वरक उत्पादन के लिए प्रमुख कच्चा माल दर कटौती से उल्टे ढांचे में सुधार होगा।
  • 12 जैव कीटनाशक और कई सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत होगी। जो किसानों को रासायनिक कीटनाशकों से जैव-कीटनाशकों में बदलाव के लिए प्रोत्साहित करेगा, मृदा स्वास्थ्य और फसल की गुणवत्ता में सुधार लाएगा।
  • वहीं जैव आधारित आदानों को अधिक किफायती बनाकर, यह पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ कृषि नियमों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार के प्राकृतिक खेती मिशन के अनुरूप छोटे जैविक किसानों और एफपीओ की प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

 

डेयरी क्षेत्र में किसानों को क्या लाभ मिलेगा?
  • नई जीएसटी दरों में से दूध और पनीर पर से जीएसटी हटा दिया गया है। वहीं मक्खन, घी आदि पर 12 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। जिससे स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।
  • दूध के डिब्बे (लोहा, स्टील, एल्युमिनियम से बने डिब्बे) पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • इन जीएसटी सुधारों से डेयरी किसानों के उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाकर उन्हें प्रत्यक्ष बढ़ावा दिया जाएगा।

 

शहद पर जीएसटी में की गई कमी

प्राकृतिक शहद पर जीएसटी कम होगी। यह प्राकृतिक शहद के प्रमुख उत्पादक यानी मधुमक्खी पालकों, आदिवासी समुदायों और ग्रामीण एसएचजी को लाभान्वित करेगा।

कृत्रिम शहद पर जीएसटी, चाहे प्राकृतिक शहद के साथ मिलाया गया हो या नहीं पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

  • इसके अलावा तैयार या संरक्षित मछली पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगी। कर में कटौती से देशभर में जलीय कृषि और विशेष रूप से मछली पालन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  • सौर ऊर्जा आधारित उपकरणों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगा। जिससे सौर ऊर्जा आधारित उपकरणों से सिंचाई लागत कम होगी।
  • इसके अलावा तेंदू पत्तों पर अब जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। जिससे उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के किसानों और आदिवासियों को लाभ मिलेगा।

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