ये विधि जान गए तो खड़ा कर लेंगे बड़ा बिजनेस
पर्यावरण के बदलाव को देखते हुए आज जरुरी है कि हम पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा दें. जब पर्यावरण के अनुकूल खेती की बात होती है सबसे पहले बात आती है जैविक खेती की. जैविक खेती के लिए सबसे सस्ता और सबसे जरुरी खाद है वर्मी कम्पोस्ट. वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से रासायनिक खाद पर निर्भरता बेहद कम हो जाती है. तो आइये जानते हैं वर्मी कम्पोस्ट की सबसे सस्ती और सुलभ तकनीक. ताकि आप कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं.
जमीन का चुनाव
इसके निर्माण के लिए ऐसी जमीन का चुनाव करना उचित रहता जो ऊंची हो ताकि पानी का जमाव नहीं हो. इसके बाद तीन फ़ीट चौड़ाई और लम्बाई (जमीं की उपलब्धता के अनुसार) रखी जाती है. अब दो-दो ईंट से घेरे बनाए जाते हैं, फिर इस घेरे में मोटी पॉलीथिन बिछा दी जाती है. इसे धूप और पानी से बचाने के लिए छत की व्यवस्था करना जरूरी है.
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कैसे बनाए वर्मीकम्पोस्ट
प्लास्टिक के ऊपर केले के तने के छोटे-छोटे टुकड़े कर दो से ढाई इंच की परत बना देते हैं. इसके बाद 15 से 20 दिन पुराना गोबर कचरे को 60 अनुपात 40 में मिलाया जाता है. फसल के रूप में फसल अवशेष, घरेलु कचरे डाल सकते हैं. फिर गोबर और कचरे को मिला देते हैं इसके साथ ही जरूरत के हिसाब से पानी मिला देते हैं. अब इस मिश्रण को केले के टुकड़े के ऊपर ऐसे डालते हैं कि ऊपर से ऊंचा और चारों तरफ ढलान हो. फिर इस ढेर के ऊपर 15 सौ से 1800 केंचुओं को प्रति घन मीटर के हिसाब से डाला जाता है. इसके बाद जूट को बोरी को अच्छे से भिगोकर ढंक दिया जाता है. फिर समय-समय पर इसे उलटते पलटते रहे. ताकि नीचे की परत ऊपर और ऊपर की परत नीचे आ जाए. 45 से 60 दिनों के बाद वर्मीकम्पोस्ट तैयार हो जाता है.
संवर्धित वर्मीकम्पोस्ट
इस वर्मी कम्पोस्ट को संवर्धित वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए इसमें ट्राइकोडर्मा डाला जाता है. सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. शम्भू प्रसाद का कहना है कि संवर्धित वर्मीकम्पोस्ट बड़ी आसानी से तैयार हो जाता है. जिसका उपयोग हर फसल में किया जा सकता है. संवर्धित वर्मीकम्पोस्ट बनाने के लिए वर्मीकम्पोस्ट बनाते समय प्रति क्विंटल गोबर और कचरा मिश्रण में जैविक उर्वरक जैसे पीएसबी, स्यूडोमोनास, एजेटो बैक्टर, फास्फोरस सैलोजॉइन बैक्टेरिया 100 ग्राम की मात्रा में डाले. इससे संवर्धित वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन किया जा सकता है. इससे आपके वर्मीकम्पोस्ट में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की मात्रा बढ़ जाएगी. जो आपकी फसलों के लिए काफी उपयोगी है.
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वर्मी वॉश कैसे बनाए
वर्मी कम्पोस्ट से निकलने वाला वर्मी वॉश भी काफी उपयोगी होता है. इसे संगृहीत करने के लिए एक बर्तन लगा दिया जाता है. ये जैविक रूप से कीट और रोग नियंत्रक का कार्य करता है. इसे संग्रह करने के लिए मिट्टी का एक बर्तन लगाते हैं. एक किलो वर्मी वॉश को एक लीटर गो मूत्र के साथ मिला कर उसमें 8 लीटर सादा पानी मिलाएं. अब कुल दस लीटर वर्मी वाश का मिश्रण हो जाएगा. इस मिश्रण की 10 मिली मात्रा एक लीटर पानी में मिलाकर किसी भी फसल में छिड़काव किया जा सकता है. इससे आपकी फसल पर कीट और रोग का प्रभाव कम हो जाएगा. साथ ही फसल को पौष्टिक तत्व भी मिलेंगे.
source :कृषि जागरण
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