गेहूं के पौधे पीले होकर सूख रहे हैं तो हो सकता है इस कीट का प्रकोप

अभी हो रहे मौसम परिवर्तन के कारण गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट एवं विभूति आदि कीटों का प्रभाव हो सकता है।

यदि गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट का प्रभाव एवं गेहूं में पीलापन दिखें तो किसान दवा का छिड़काव जरुर करें।

एमपी के सीहोर जिले के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस वर्ष भी गेहूं फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा है।

गेहूं फसल के खेतों में अनेक स्थानों पर पौधे पीले होकर सूख रहे हैं। समय पर निदान न किये जाने पर इस कीट द्वारा गेहूं फसल में बड़ी क्षति की सम्भावना रहती है।

 

किसान करें इन दवाओं का छिड़काव

जड़ माहू कीट गेहूं के पौधे के जड़ भाग में चिपका हुआ रहता है, जो निरन्तर रस चूसकर पौधे को कमजोर करके सुखा देता है।

प्रभावित खेतों में पौधे को उखाड़कर ध्यान से देखने पर बारीक-बारीक हल्के पीले, भूरे व काले रंग के कीट चिपके हुए दिखाई देते हैं।

मौसम में उच्च आर्द्रता व उच्च तापमान होने पर यह कीट अत्यधिक तेजी से फैलता है। अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर यह कीट सम्पूर्ण फसल को नष्ट करने की क्षमता रखता है।

 

किसान करें इन दवाओं का छिड़काव

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार जिन क्षेत्रों में अभी तक गेहूं फसल की बुवाई नही की गयी है, वहाँ पर बुवाई से पूर्व इमिडाक्लोरोप्रिड 48 प्रतिशत, एफएस. की 01 मिली. दवा अथवा थायोमेथॉक्जॉम 30 प्रतिशत, एफएस दवा की 1.5 मिली मात्रा प्रति किलोग्राम की दर से बीज उपचार अवश्य करें।

वहीं जिन क्षेत्रों में बुवाई कार्य पूर्ण किया जा चुका है व कीट प्रकोप के लक्षण प्रारम्भिक अवस्था में हैं वहाँ किसान भाई इमिडाक्लोरोप्रिड़ 17.8 एसएल की 80 -100 मिली. मात्रा अथवा थायोमेथॉक्जॉम 25 प्रतिशत डब्लूपी की 80 ग्राम मात्रा अथवा एसिटामाप्रिड 20 प्रतिशत एसपी दवा की 60 ग्राम मात्रा प्रति एकड़, 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

या किसान भाई थायोमेथॉक्जॉम 30 प्रतिशत कीटनाशक की 250 मिली मात्रा को 50 किलो यूरिया खाद में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

सब्सिडी पर कृषि यन्त्र चाफ कटर लेने के लिए आवेदन शुरू

WhatsApp Group Join Now

Leave a Comment