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किसानों को कैसे मिलेगा आत्मा योजना का लाभ

 

किसानों की मेहनत तब रंग लाती है, जब उन्हें फसल का उत्पादन अच्छा मिलता है.

 

अगर फसर का उत्पादन अच्छा न हो, तो उनके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाती है.

ऐसे में ज़रूरी है कि किसानों को जानकारी दी जाए कि वह फसल का अच्छा उत्पादन किस तरह प्राप्त कर सकते हैं.

 

अब बात आती है कि यह कैसे संभव है? इसका जवाब यह है कि देश के हर छोटे-बड़े किसानों को खेती का आधुनिक तरीका अपनाना है.

इसके साथ ही खेती से जुड़ीं सभी तकनीक की जानकारी लेनी है. इसके अलावा सरकार भी किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए समय-समय पर नई योजनाएं लाती रहती है.

इन्हीं में से एक आत्मा योजना भी है. इस योजना के जरिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किया जाता है. 

 

क्या है आत्मा योजना ?

इस योजना के तहत किसानों को नई तकनीकों की जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाता है. इसका उद्देश्य यह है कि छोटे स्तर के किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाए.

सरकार की इस योजना को करीब 684 जिलों में लागू कर दिया गया है. इसकी मदद से किसानों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है.

इसके अलावा कृषि प्रदर्शनी का आयोजन और किसानों को एक्सपोजर विजिट के लिए भी ले जाया जाता है.

मिलेगी खेती की नई जानकारी

इस योजना के तहत किसानों को जैविक खेती से जुड़ी नई-नई तकनीक बताई जाती हैं. इसके साथ ही उन्हें नए उपायों को अपनाने के लिए कहा जाता है.

 

आत्मा योजना का उद्देश्य

  • आत्मा योजना एक ऐसी योजना है, जिसकी मदद से किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के बीच संवाद स्थापित होता है.
  • किसानों को फसल का बेहतर उत्पादन मिल पाएगा.
  • किसानों की आमदनी में इजाफा होगा.
  • कम लागत में अच्छी पैदावार पाने के लिए वैज्ञानिक विधि से खेती कर सकेंगे.

 

कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए खेती का वैज्ञानिक तरीका अपनाना होगा.

भारत में प्रति क्षेत्रफल पैदावार बेहद कम है, इसलिए इसे बढ़ावा देने की जरूरत है. इसके लिए जरूरी यह है कि किसानों को खेती की नई तकनीक की जानकारी दी जाए. उन्हें तकनीक से जोड़ना जरूरी है.

 

उल्लेखनीय है कि किसानों के हित में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अपने कृषि विज्ञान केंद्रों के नेटवर्क की मदद से कार्य करता रहता है.

उन्हें नई तकनीक की जानकारी देता रहता है. इस योजना के तहत भी दलहन, तिलहन, बागवानी और अनाज की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.

इतना ही नहीं, किसानों को सुगंधित पौधे, नारियल काजू और बांस की खेती की जानकारी भी दी जाती है.

आंकड़ों के मुताबिक, आत्मा योजना के तहत देश के करीब 20 लाख किसानों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.

आप भी इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं.

 

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