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किसानों के लिए उपयोगी सलाह

खंडवा

जिले में खरीफ मौसम अतंर्गत विभिन्न फसलों के लक्षित 311944 हैक्टर क्षेत्र में 280181 हैक्टर में बुआई कार्य सम्पन्न हो चुका है, जो कि कुल आच्छादित रकबे का 89.82 फिसदी पूर्ण हो चुका है। खरीफ मौसम की वर्षा भी अद्यतन स्थिति है 208.0 मि.मी. रही है जो कि जिले की ओसतन वर्षा 808 मि.मी. से काफी कम है।

उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला खण्डवा श्री आर.एस. गुप्ता ने किसानों को सलाह दी है कि जिन किसानों ने बोनी कर दी है, वे खेत फसल में नमी बनाये रखने के लिए खेत फसल में निदाई गुडाई करें, फसल पंक्तिायो के बीच डौरा चलाये।

किसान भाई 2 प्रतिशत यूरिया का घोल बनाकर खडी फसलो में छिडकाव करें। जिन किसानो के पास सिंचाई के साधन है वह फसलो में सिंचाई करे। किसान भाई मल्चिंग का उपयोग करे।

 

कामलिया कीट के नियंत्रण के लिए उपाय

    उप संचालक कृषि श्री गुप्ता ने बताया कि कामलिया कीट के नियंत्रण के लिए खेत का नियमित निरीक्षण करे। खेत की फसल के साथ साथ खेत की मेड को भी साफ सुथरा रखें।

मुख्य फसल के किनारे पर गार्ड फसल के रूप में मूँगफली, लोबिया की एक कतार जरूर लगायें। कीट नियंत्रण हेतु प्रारंभिक तौर पर नीम तेल का छिडकाव करे।

खेत में कीट का प्रकोप बढने पर कीटनाशक दवाई क्यूनालफॉस या क्लोरीपाईरीफास अथवा प्रोपेनोफास व सायफर मेथ्रिन दवाई का घोल बनाकर छिडकाव करे।

श्री गुप्ता ने सलाह दी है कि छिडकाव के लिए तैयार घोल में 10 से 15 ग्राम डिटरजेन्ट पाउडर या शैम्पू मिला कर छिडकाव करे। दवाई का छिडकाव हवा के विपरीत दिषा में न करे। खेत फसल में दवाई का छिडकाव करते समय किसी प्रकार का धुम्रपान न करे और नाक, मुह इत्यादि कपडे से ढक कर रखे। खेत फसल के चारो ओर गहरी खाई खोदे जिससे इल्ली या खेत में प्रवेश न हो सके।

मक्का फसल में फॉल आर्मी वर्म के नियंत्रण हेतु

  • उर्वरको का संतुलित मात्रा में उपयोग करे।
  • हाथो से अंड गुच्छो एवं इल्लियों को नष्ट करें।
  • फयुजीपरडा फिरोमोन प्रंचम 15/हे. का उपयोग करे।
  • किसान भाई अपने खेतों में टी आकार की 30 से 40 खूटीयां प्रति हैक्टर में लगाए।
  • ग्रसित फसल की पोगली में बारीक सूखी रेत, राख अथवा बुरादा डाले।
  • प्रकोप की प्रांरभिक अवस्था में नीम तेल 10000 पी.पी.एम. या एन.एस.के.ई. 5 प्रतिशत का एक लीटर प्रति हेक्टेयर छिडकाव करे।
  • जैविक कीटनाशक जैसे बिवैरिया बेसियाना, मैटारायजियम, एनीसोपीली या बैसिलस थुरिन्जेन्सिस (बी.टी.) या एन.पी. वायरस का 1 लीटर/हैक्टर की दर से छिडकाव करें।
  • सिन्थेटिक कीटनाषको में थायोडीकार्य 75 डब्ल्यु. पी. का 1 किलोगा्रम या फ्लूबैन्डामाइट 480 एस.सी. का 150 मि.ली. या इमामेक्टीन बेन्जोएट 5 एस जी का 200 ग्राम या स्पीनोसेड 45 एस.सी. का 200 मिली/हेक्टर उपयोग करे।

स्त्रोत : जनसंपर्क मध्यप्रदेश

 

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