इस वर्ष की शुरुआत से अभी तक बेमौसम बारिश एवं ओला वृष्टि से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
ऐसे में अब किसानों को आगामी खरीफ सीजन से काफी उम्मीद है।
परंतु भारत की एकमात्र प्राइवेट मौसम पूर्वानुमान एजेंसी, स्काईमेट वेदर ने इस वर्ष के लिए मानसून का पूर्वानुमान जारी कर दिया है।
जिसने किसानों के लिए चिंता को बढ़ा दिया है।
अपने इस वर्ष के पहले पूर्वानुमान में स्काईमेट ने देश में सामान्य से कम मानसून की संभावना व्यक्त की है, यानि की पहले अनुमान में बारिश सामान्य से कम रह सकती है।
स्काईमेट ने जारी किया मानसून का पूर्वानुमान
स्काइमेट के मॉनसून पूर्वानुमान के अनुसार जून से सितंबर तक 4 महीने की औसत वर्षा की 868.8 मिमी की तुलना में 816.5 मिमी यानी कि 94% की संभावना है (एरर मार्जिन +/-5 फीसदी)।
स्काईमेट ने 04 जनवरी, 2023 को जारी अपने पहले के पूर्वाभास में 2023 के मॉनसून का औसत से कम रहने का आकलन किया था और अब इसे बरकरार रखा है।
अलनीनो के चलते रहेगा कमजोर मानसून
इस वर्ष कमजोर मानसून के लिए अलनीनो परिस्थिति को ज़िम्मेदार बताया जा रहा है।
इसके कारण बारिश सामान्य से भी काफी कम होती है।
अनुमान जताया जा रहा है कि अल नीनो का प्रभाव मई से जुलाई महीने के बीच देखा जा सकता है।
बता दें कि अल नीनो का मतलब है कि जब समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में जो बदलाव आते हैं उसी समुद्री घटना को अल नीनो कहा जाता है।
किस राज्य में होगी कैसी बारिश
अपने पूर्वानुमान में स्काईमेट ने यह भविष्यवाणी की है कि देश के उत्तरी और मध्य भागों में बारिश की कमी होने की सम्भावना है।
गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के महीनों में अपर्याप्त बारिश होने की उम्मीद है।
वहीं उत्तर भारत के कृषि क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीजन के दूसरे भाग में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।
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