जानिए मई महीने में कैसा रहेगा मौसम, पड़ेगी गर्मी या होगी बारिश

इस वर्ष जहां देश के दक्षिणी राज्य तेज गर्मी और लू से बेहाल हैं तो वहीं उत्तर एवं मध्य भारतीय राज्यों में अभी गर्मी का उतना असर देखने को नहीं मिला है। अप्रैल महीने में लगातार आये पश्चिमी विक्षोभ से अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में बारिश से लोगों को बीच-बीच में गर्मी से राहत मिलती रही है।

इस बीच भारतीय मौसम विभाग विभाग IMD ने मई 2024 के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी कर दिया है।

 

मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान

मौसम विभाग के मुताबिक मई महीने के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी गर्मी पड़ने की संभावना है और उष्ण लहर यानि कि लू भी 5 से 8 दिनों तक चलेगी।

वहीं बात की जाये वर्षा की तो देश के अधिकांश हिस्सों में मई महीने के दौरान सामान्य वर्षा होने की संभावना है।

 

गर्मी तोड़ेगी रिकॉर्ड

इस बार मई महीने में दिन और रात दोनों समय रिकॉर्ड गर्मी पड़ेगी। मौसम विभाग के मुताबिक़ पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर भागों और उत्तर पश्चिमी भारत और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया जाये तो देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।

वहीं बात की जाए दक्षिण भारत की तो पूर्वोत्तर प्रायदीपीय क्षेत्र को छोड़कर वहाँ भी सामान्य से अधिक तापमान ही रहेगा।

इसके अलावा उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर, भारतीय गंगीय मैदानी इलाक़ों, मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।

वहीं बात की जाए लू यानि की उष्ण लहर की तो, दक्षिणी राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाडा और गुजरात के क्षेत्रों में मई महीने के दौरान 5 से 8 दिनों तक चलेगी।

इसके अलावा राजस्थान के शेष हिस्से, पूर्वी मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ भागों में, आंतरिक उड़ीसा, गांगेय पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तरी कर्नाटक तेलंगाना, उत्तरी तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश के कुछ हिस्सों में 2 से 4 दिनों तक लू चलने की संभावना है।

 

मई महीने में कैसी होगी बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक़ देश में मई महीने के दौरान औसत वर्षा सामान्य ही रहेगी। जो एलपीए का 91 से 109 प्रतिशत तक है।

मई महीने में उत्तर पश्चिमी भारत के अधिकांश हिस्सों, मध्य भारत के कुछ हिस्सों, दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।

वहीं देश के शेष हिस्सों में सामान्य से नीचे वर्षा होने की संभावना है।

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