गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ी, जानें पूरी प्रक्रिया

मध्यप्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2025-26 के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 9 अप्रैल 2025 कर दी गई है। पहले यह अवधि 31 मार्च 2025 तक निर्धारित थी, लेकिन किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसे बढ़ाया गया है।

राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किसानों से इस अवसर का लाभ उठाकर समय पर पंजीयन करवाने की अपील की है। इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जिसमें राज्य सरकार 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दे रही है। इस तरह, किसानों को कुल 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बेचना संभव होगा।

 कैसे कर सकते हैं पंजीयन 

1. पंजीयन केंद्र :

  • ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत में स्थापित सुविधा केंद्र
  • तहसील कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र
  • सरकारी समितियों द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र

2. अनुमति प्राप्त केंद्र :

  • एमपी ऑनलाइन कियोस्क
  • कॉमन सर्विस सेंटर (CSC)
  • लोक सेवा केंद्र
  • साइबर से (50 रुपये शुल्क के साथ)

3. ऑनलाइन माध्यम :

  • एमपी किसान app
  • ई-उपार्जन पोर्टल (https://mpeuparjan.ni
  • c.in/mpeuparjan/Home.aspx)

 गेहूं उपार्जन पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज

  1. जमीन की पावती
  2. आधार कार्ड (बैंक खाते से लिंक होना अनिवार्य)
  3. बैंक पासबुक

यदि आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक नहीं है, तो किसान को पहले अपने संबंधित बैंक में जाकर यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी। पंजीयन तभी सफल होगा जब भू-अभिलेख में दर्ज खाते, खसरा और आधार कार्ड का मिलान सही तरीके से होगा। किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर तहसील कार्यालय में जाकर सुधार करवाया जा सकता है।

कौन से किसान कर सकते हैं पंजीयन 

  • व्यक्तिगत भू-स्वामी
  • सिकमी, बटाईदार एवं वन पट्टाधारी किसान
  • शामिलाती भू-स्वामी (अपने-अपने हिस्से की भूमि पर पंजीयन कर सकते हैं)
  • उत्तराधिकारी किसान

पंजीयन के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

किसान पंजीयन की प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध गिरदावरी आंकड़ों के आधार पर होगी। यदि कोई विसंगति पाई जाती है, तो संबंधित तहसीलदार के कार्यालय में संपर्क कर इसे ठीक करवाया जा सकता है।

पंजीयन केवल आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त OTP के माध्यम से ही पूरा होगा।

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यदि किसान की भूमि एक ही जिले के अलग-अलग गांवों में है, तो उसे पंजीयन में जोड़ा जा सकता है। यदि भूमि किसी अन्य जिले में है, तो किसान को अपनी समग्र आईडी और आधार का उपयोग करके वहां भी पंजीयन कराना होगा।

गेहूं बिक्री के लिए स्लॉट बुकिंग  की प्रक्रिया

मध्यप्रदेश सरकार ने गेहूं उपार्जन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग की सुविधा भी दी है। अब किसानों को खरीद केंद्र पर लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे स्वयं ही अपनी सुविधा अनुसार स्लॉट बुक कर सकते हैं।

स्लॉट बुकिंग करने की प्रक्रिया :

1. ई-उपार्जन पोर्टल पर जाएं (https://mpeuparjan.nic.in/mpeuparjan/Home.aspx)।

2. रबी उपार्जन 2025-26 के लिंक पर क्लिक करें।

3. पंजीयन कोड दर्ज करें और ओटीपी वेरिफिकेशन करें।

4. अपनी तहसील, उपार्जन केंद्र और उपज बिक्री की तारीख दर्ज करें।

5. सबमिट करने के बाद स्लॉट बुकिंग की जानकारी प्राप्त करें और उसका प्रिंट आउट निकालें।

गेहूं खरीदी की भुगतान प्रक्रिया

मध्यप्रदेश सरकार किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश मॉडल अपना रही है। अब किसानों को 24 से 48 घंटे के भीतर भुगतान मिलने की व्यवस्था की गई है। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस प्रक्रिया की समीक्षा की थी।

मध्यप्रदेश में गेहूं खरीदी की स्थिति

राज्य में 15 मार्च 2025 से गेहूं खरीदी की प्रक्रिया चल रही है। अब तक 74,697 किसानों से 5.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हो चुकी है। खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अनुसार, किसानों को अब तक 757 करोड़ 36 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जिसमें 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस जोड़ा गया है। इस तरह किसानों को 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बेचने का लाभ मिल रहा है।

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए गेहूं उपार्जन पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 9 अप्रैल 2025 कर दी है। इस वर्ष पंजीयन प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाया गया है, जिससे किसान अपने घर बैठे भी पंजीयन कर सकते हैं।

इसके अलावा, किसानों को समय पर भुगतान मिले, इसके लिए 24 से 48 घंटे में भुगतान व्यवस्था लागू की गई है। ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग से किसानों को अब खरीद केंद्र पर ज्यादा समय बिताने की जरूरत नहीं होगी।

जो किसान अभी तक पंजीयन नहीं करवा पाए हैं, वे जल्द से जल्द ई-उपार्जन पोर्टल या नजदीकी पंजीयन केंद्र पर जाकर अपना पंजीयन सुनिश्चित करें और इस योजना का अधिकतम लाभ उठाएं !

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