बिना पशुपालन के कृषि संभव नहीं
पशुओं की चिकित्सा के लिए 109 नंबर पर है एम्बुलेंस की सुविधा, जहां पशु बीमार हैं, वहीं इलाज मिलेगा: चौहान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कृषि और पशुपालन का चोली-दामन का साथ है.
भारत की कल्पना कृषि के बिना नहीं की जा सकती और कृषि बिना पशुपालन के संभव नहीं है.
कृषि में मशीनीकरण होने के कारण कृषि और पशुपालन के संतुलन में बदलाव आया है. पहले किसान गाय के साथ-साथ बैल को भी सहेज कर रखते थे.
लेकिन मशीनीकरण के कारण बैल का महत्व कम होता चला गया.
मैं स्वयं किसान हूं और अपनी आजीविका का निर्वाह गौ-पालन से कर रहा हूं.
मैंने संकल्प लिया था कि आजीविका का निर्वाह कृषि या कृषि से संबंधित गतिविधियों से ही करेंगे.
मुख्यमंत्री चौहान इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन की ओर से आयोजित लेडी वैट्स (महिला पशु चिकित्सक) कॉन्क्लेव-शक्ति 2021 का शुभारंभ कर रहे थे.
मुख्यमंत्री चौहान ने एसोसिएशन की स्मारिका तथा ई-पत्रिका का विमोचन भी किया.
किसानों के लिए फायदे का धंधा बने पशुपालन
चौहान ने कहा है कि गौ-पालन छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए फायदे का धंधा कैसे बने, इस पर पशु चिकित्सकों और विशेषज्ञों को परिणाम-मूलक कार्य करना चाहिए.
दुग्ध उत्पादक पशुओं में अधिक दूध उत्पादन के लिए नस्ल सुधार और पशुओं का आसानी से इलाज हो, ऐसी व्यवस्था करना आवश्यक है.
राज्य शासन द्वारा पशुओं की आसान चिकित्सा के लिए 109 नंबर से एम्बुलेंस सुविधा आरंभ की गई है.
जिसका उद्देश्य यह है कि पशुओं को इलाज के लिए अस्पताल न लाना पड़े, बल्कि पशु जहां हैं, एम्बुलेंस वहीं पहुंचकर उनका इलाज करें.
एसोसिएशन द्वारा कामधेनु भवन में आजादी के अमृत महोत्सव में, राष्ट्र की आर्थिक उन्नति में महिला पशु चिकित्सकों की भूमिका पर कार्यशाला आयोजित की गई.
कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य-पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, अभिनेता नितीश भारद्वाज, कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
देशी नस्ल की गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि देशी नस्ल की गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक है, पर इन गायों में दूध का उत्पादन कम होने के कारण किसानों के लिए देशी गाय पालना कठिन होता है.
इसलिए छोटे पशुपालकों के लिए देशी गाय पालना और इससे दुग्ध उत्पादन लाभ का व्यवसाय बने, इसके लिए शोध और अनुसंधान आवश्यक है.
राज्य सरकार द्वारा गौ-पालन को प्रोत्साहित करने के लिए श्रेष्ठ गाय रखने वाले को गौपालन पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा.
जैविक खेती पर फोकस की जरूरत
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लासगो में पर्यावरण को लेकर दुनिया का मार्गदर्शन किया है.
रासायनिक खाद के कारण विश्व एक अलग संकट का सामना कर रहा है. लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं, यह गंभीर खतरा है.
इसलिए जैविक खेती की ओर दुनिया को आना ही होगा. जैविक खेती में पशुपालन का बहुत अधिक महत्व है.
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा शुरू की गयी गोवर्धन पूजा, पशुओं के महत्व को इंगित करती है.
यह स्पष्ट है कि गाय-बैलों के बिना काम नहीं चल सकता राज्य सरकार गो-अभयारण्य और गौ-शालाओं के माध्यम से पशुओं की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है.
इस दिशा में समाज की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करना आवश्यक है.
गाय के गोबर और गो-मूत्र का भी महत्व
चौहान ने कहा कि हम प्रदेश में पशु उत्पादों के बेहतर उपयोग के लिए अलख जगाने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं.
दूध के अतिरिक्त गाय-भैंसों के गोबर, गो-मूत्र आदि से भी कई वस्तुएं निर्मित होती हैं.
हम चाहें तो अपनी अर्थव्यवस्था को इन गतिविधियों से सुदृढ़ कर सकते हैं. देश को भी आर्थिक रूप से सम्पन्न बना सकते हैं.
इस अवसर पर विमोचित स्मारिका पर अंकित पंक्ति “नारी शक्ति की गौरव गाथा, रण से उपचार तक, हथियार से औजार तक” मंच से पढ़ते हुए कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में बहनों के आने से निश्चित ही बदलाव आएगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बड़ी पहल करते हुए हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर किया है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है.
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