हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

केमिकल फ्री खेती को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक कृषि बोर्ड बनाएगी मध्य प्रदेश सरकार

 

प्राकृतिक कृषि बोर्ड

 

प्राकृतिक खेती पर आयोजित कार्यशाला में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रासायनिक खाद वाली खेती के दुष्परिणाम बंजर होती धरती और विषैले होते अन्न के रूप में दिखाई दे रहे हैं.

सीएम ने किसानों से कहा कि-प्रकृति का शोषण मत करो.

 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में जल्दी ही प्राकृतिक कृषि बोर्ड का गठन किया जाएगा.

जीरो बजट प्राकृतिक कृषि मात्र कर्मकांड नहीं है बल्कि यह कृषि की दिशा और दशा बदलने का महायज्ञ है.

उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती करने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि एक जमाने में रासायनिक खाद के उपयोग की आवश्यकता थी.

उत्पादन बढ़ाने में रासायनिक खाद में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन भी किया है, लेकिन आज इसके दुष्परिणाम कंपाने वाले हैं.

रासायनिक खाद के उपयोग की वजह से धरती बंजर तथा अन्न विषैला हो रहा है. उत्पादन लागत बढ़ती जा रही है.

 

सीएम राजधानी भोपाल में बुधवार को प्राकृतिक खेती पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में आज जैविक खेती का सबसे बड़ा रकबा है.

इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत एवं एमपी के राज्यपाल मंगूभाई पटेल भी मौजूद रहे.

कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से प्रदेश की सभी मंडियों के साथ ही 52 जिलों के कृषि विभाग के कार्यालयों में मौजूद किसान भी जुड़े हुए थे.

 

केमिकल फर्टिलाइजर वाली खेती में लगता है ज्यादा पानी

सीएम ने कहा कि धीरे-धीरे केमिकल फर्टिलाइजर के कारण धरती बंजर होती जा रही है.

हर साल और ज्यादा खाद और ज्यादा ज्यादा कीटनाशक और ज्यादा पानी की जरूरत लग रही है.

जो किसानों और धरती दोनों के लिए नुकसानदायक है. केमिकल फर्टिलाइजर वाली खेती में पांच पानी लगता है. यह ठीक नहीं है.

हम डरा नहीं रहे बल्कि मामले की गंभीरता और संकट से बचने के उपाय बता रहे हैं.

 

धरती को बर्बाद कर देगा केमिकल फर्टिलाइजर

मुख्यमंत्री ने किसानों को आगाह करते हुए कहा कि प्रकृति का शोषण मत करो.

केमिकल फर्टिलाइजर हमारी धरती माता को बर्बाद कर देगा. इस धरती को आने वाली पीढ़ियों के लिए भी रखना है.

सोचिए कि क्या उनके रहने लायक ये धरती बचेगी. हमने कीटनाशक डाल-डालकर मित्र कीट मार डाले.

कुछ लोगों ने खेती के मित्र कीटों को जलाकर खत्म कर दिया. अब ये समय धरती माता के स्वास्थ्य की रक्षा करने का है.

 

विषैले हो रहे हैं हमारे अन्न

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह सच है कि केमिकल फर्टिलाइजर वाली फसल जब आती है तो हम रिकॉर्ड तोड़ देते हैं, लेकिन जरा लागत का हिसाब लगाकर देखो.

खाद का पैसा, पानी का पैसा और कीटनाशक का पैसा. किसान की सारी कमाई इनपुट में चली जाती है.

सारा पैसा कर्ज चुकाने में निकल जाता है. दूसरी ओर हमारे अन्न विषैले हो रहे हैं. इन हालातों से बचाने का रास्ता प्राकृतिक खेती है.

 

वर्मी कंपोस्ट से बढ़ती है भूमि की उर्वरक क्षमता

कार्यशाला में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा है कि यदि ब्लोबल वार्मिंग से धरती मां को बचाना है तो प्राकृतिक एवं जैविक खेती अपनानी होगी.

उधर, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि गोबर खाद और वर्मी कंपोस्ट से भूमि की उर्वरक क्षमता बढ़ती है.

प्राकृतिक खेती के उनके आह्वान पर सीएम ने कहा कि मैं अपने खेत के 5 एकड़ और हमारे कृषक बंधु अपनी 25 फीसदी भूमि में प्राकृतिक खेती प्रारंभ करेंगे.

source : tv9hindi

यह भी पढ़े : खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

 

यह भी पढ़े : आधार से लिंक खातों में ही होगा पीएम किसान सम्मान निधि की राशि का भुगतान

 

शेयर करे