शिवराज सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दस प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं भी खरीदने का निर्णय लिया है।
ओलावृष्टि और वर्षा के कारण गेहूं की चमक चली गई है।
इसके कारण किसान चिंतित हैं कि यदि सरकार ने समर्थन मूल्य पर यह उपज नहीं ली तो फिर उन्हें मंडियों में औने-पौने दाम पर इसे बेचना होगा।
इसे देखते हुए राज्य सरकार के केंद्र से आग्रह किया था कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति को देखते हुए विशेष छूट दी जाए, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
चमकविहीन गेहूं
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गेहूँ उपार्जन का कार्य भी आरंभ हो रहा है। मंत्रीगण अपने क्षेत्रों में गेहूं उपार्जन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें। वर्षा से प्रभावित चमकविहीन गेहूं भी खरीदा जाएगा। संकट के समय किसानों को हर संभव सहयोग देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। https://t.co/bybTEl7Ovf
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) April 4, 2023
यह भी तय किया गया है कि दस प्रतिशत से अधिक चमकविहीन गेहूं यदि सरकार ने खरीदा तब प्रति क्विंटल पांच रुपये 31 पैसे की कटौती केंद्र सरकार करेगी।
इसके लिए राज्य सरकार ने यह रास्ता निकाला है कि इसकी भरपाई राज्य सरकार खुद करेगी।
यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक से पूर्व मंत्रियों को दी।
दानों की चमक चली गई है
प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए 15 लाख 20 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है।
प्रति क्विंटल दो हजार 125 रुपये की दर से गेहूं खरीदा जाएगा।
इसके लिए चार हजार 200 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं और खरीदी का काम पूरे प्रदेश में प्रारंभ भी हो गया है।
इस बार ओलावृष्टि और वर्षा के कारण गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। दानों की चमक चली गई है।
सामान्यत: समर्थन मूल्य पर इस तरह का गेहूं नहीं खरीदा जाता है लेकिन किसान हित को देखते हुए शिवराज सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि चमकविहीन गेहूं के उपार्जन की अनुमति दी जाए।
विशेष परिस्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य के प्रस्ताव को मान्य करते हुए सामान्य तौर पर 10 प्रतिशत चमकविहीन गेहूं खरीदने की अनुमति दे दी।
साथ ही यह छूट भी दी है कि दस से अस्सी प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं भी सशर्त लिया जा सकता है।
इसके लिए केंद्र सरकार प्रति क्विंटल पांच रुपये 31 पैसे काटेगी।
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार केंद्र के लिए विकेंद्रीकृत प्रणाली के अंतर्गत उपार्जन कराता है।
इसका पूरा खर्चा केंद्र सरकार देती है। इस बार 80 लाख टन गेहूं के उपार्जन के हिसाब से तैयारी की गई है।
32 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दी जाएगी राहत
बैठक में बताया कि ओलावृष्टि और वर्षा से प्रभावित फसलों का आकलन कार्य शीघ्र ही पूरा कराकर राहत राशि वितरित की जाएगी।
इसमें प्रति हेक्टेयर 32 हजार रुपये के हिसाब से राहत राशि दी जाएगी।
अभी तक 72 हजार हेक्टेयर में फसलें प्रभावित होने की रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
कुछ जिलों से जानकारी आना बाकी है। इसके साथ ही किसानों को फसल बीमा की राशि भी दिलवाई जाएगी।
इसके लिए बीमा कपंनियों को अपनी कार्यवाही जल्द पूरी करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे उपार्जन कार्य पर नजर रखें और किसानों को यह जानकारी भी दें कि संकट की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है और किसी भी सूरत में उनके हित प्रभावित नहीं होने देगी।
यह भी पढ़े : PM Awas Yojana : जारी हुई पीएम आवास योजना की राशि
यह भी पढ़े : क्या केसीसी कार्ड धारक किसान की मृत्यु के बाद कर्जमाफी दी जाती है?
शेयर करें