एमपी में मखाना की खेती करने के लिए किसानों को 75 हजार प्रति हेक्टेयर का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
योजना का लाभ लेने के लिए अब तक 99 किसान ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं।
मध्यप्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा है कि मध्यप्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर मखाना की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इसके लिए प्रदेश के 4 जिलों नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी में मखाना खेती क्षेत्र विस्तार को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया जा रहा है।
उद्यानिकी मंत्री ने इन जिलों के किसानों को योजना से जुड़ने की अपील की है।
भारत सहित अन्य देशों में है मखाने की मांग
उद्यानिकी मंत्री ने कहा कि मखाने का उत्पादन भी सिंघाड़ा की तरह छोटे-छोटे तालाबों में किया जाता है।
बिहार में मखाना उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, मखाने के बीज को फल का स्वरूप प्रदान करने के लिए छोटी-छोटी उत्पादन ईकाइयाँ भी लगाई जाती है।
मखाने की भारत सहित अरब और यूरोप के देशों में काफी मांग रहती है। उल्लेखनीय है कि मखाना उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार द्वारा मखाना बोर्ड का गठन भी किया गया है।
मध्यप्रदेश की जलवायु भी मखाना के उत्पादन के लिए अनुकूल है। इसलिए प्रदेश के किसानों को इस ओर आकर्षित करने की आवश्यकता है।
किसानों को मखाने की खेती के लिए दिया जाएगा अनुदान
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण आयुक्त अरविन्द दुबे ने बताया कि प्रदेश के 4 जिलों नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा एवं सिवनी जिले में 150 हेक्टेयर क्षेत्र मखाना की खेती के लिए विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर 45 लाख रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है।
मखाना उत्पादन करने वाले किसानों को 75 हजार प्रति हेक्टेयर या लागत का 40 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्रदेश के 99 किसानों के द्वारा ऑनलाइन आवेदन किया जा चुका है।
