महिंद्रा ने सीएनजी, इथेनॉल और इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर प्रदर्शित किए

महाराष्ट्र के नागपुर में हाल ही में आयोजित भारत के प्रीमियर एग्री समिट 16वें एग्रोविजन 2025 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने आधुनिक कृषि को नई दिशा देने वाली वैकल्पिक फ्यूल तकनीकों की एक उन्नत रेंज पेश की।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान विशेष रूप से मौजूद रहे।

महिंद्रा द्वारा प्रदर्शित इन नई तकनीकों का उद्देश्य किसानों को कम लागत, पर्यावरण-अनुकूल और भविष्य उन्मुख खेती के विकल्प प्रदान करना है।

 

वैकल्पिक फ्यूल तकनीकों की पूरी रेंज पेश

महिंद्रा ने इस बार एग्रोविजन में तीन प्रमुख वैकल्पिक फ्यूल प्लेटफॉर्म प्रदर्शित किए जिसमें CNG/CBG ट्रैक्टर, इथेनॉल फ्लेक्स-फ्यूल इंजन और इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर शामिल हैं।

ये सभी तकनीकें चेन्नई स्थित महिंद्रा के अत्याधुनिक R&D केंद्र महिंद्रा रिसर्च वैली (MRV) में विकसित की गई हैं।

 

CNG/CBG आधारित ट्रैक्टर

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा महिंद्रा का नया CNG/CBG ट्रैक्टर, जिसे युवो टेक+ प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है।

यह ट्रैक्टर CNG, संपीड़ित बायोगैस और डीजल-CNG डुअल-फ्यूल मोड में चलने की क्षमता रखता है। इससे किसानों को फ्यूल उपलब्धता के अनुसार विकल्प चुनने की स्वतंत्रता मिलती है।

गैसीय फ्यूल पर चलने के कारण इसकी संचालन लागत कम होती है, साथ ही यह प्रदूषण भी कम करता है। बायोगैस के साथ इसकी संगतता ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ाने में सहायता करेगी।

 

इथेनॉल फ्लेक्स-फ्यूल इंजन

महिंद्रा का इथेनॉल फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पूरी तरह से कृषि-आधारित इथेनॉल फीडस्टॉक पर चलने की क्षमता के साथ पेश किया गया।

यह गन्ना, मक्का, भूसा, फसल अवशेष और अन्य बायोमास से प्राप्त इथेनॉल मिश्रणों पर संचालित होता है।

यह तकनीक पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता कम करने, उत्सर्जन घटाने और किसानों को स्थानीय स्तर पर उपलब्ध फ्यूल के उपयोग का अवसर देती है। इससे कृषि अवशेषों के बेहतर उपयोग और आय में संभावित बढ़ोतरी भी संभव है।

 

OJA प्लेटफॉर्म पर विकसित इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर

महिंद्रा ने अपने ग्लोबल लाइटवेट OJA प्लेटफॉर्म पर आधारित इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर भी प्रदर्शित किया।

लेक्ट्रिक ट्रैक्टर हाई टॉर्क, सस्ती प्रति-घंटा चलने की लागत, और जीरो टेलपाइप उत्सर्जन के साथ अधिक उत्पादकता प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।

इसमें फास्ट-चार्जिंग और फ्लेक्सिबल चार्जिंग विकल्प शामिल हैं, जिससे इसे खेतों और परिवहन दोनों कार्यों में आसानी से उपयोग किया जा सकता है।

महिंद्रा का दावा है कि यह ट्रैक्टर भविष्य की “क्लीन एग्रीकल्चर मोबिलिटी” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

नेट-जीरो लक्ष्य की दिशा में महिंद्रा का योगदान

महिंद्रा एंड महिंद्रा के फार्म इक्विपमेंट बिजनेस के अध्यक्ष वी.एस. नकड़ा ने कहा कि कंपनी कृषि क्षेत्र में वैकल्पिक फ्यूल तकनीकों के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है।

भारत सरकार ने 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है और महिंद्रा की नई ट्रैक्टर रेंज उसी दिशा में योगदान करती है।

महिंद्रा पिछले कई वर्षों से CNG, CBG और अन्य वैकल्पिक फ्यूल पर चलने वाले ट्रैक्टरों को प्रदर्शित करता रहा है।

कंपनी का मानना है कि बायोफ्यूल, इलेक्ट्रिक और गैसीय फ्यूल तकनीकें कृषि की संचालन लागत को कम करने और पर्यावरणीय प्रभाव घटाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगी।

  • इलेक्ट्रिक व वैकल्पिक फ्यूल तकनीकें-किसानों के लिए नई क्रांति
  • CNG/CBG ट्रैक्टरों से कम ऑपरेशनल कॉस्ट
  • इथेनॉल आधारित इंजन से कृषि अवशेषों का बेहतर उपयोग
  • इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर से शून्य उत्सर्जन और फास्ट चार्जिंग

इन तकनीकों से खेती में ऊर्जा लागत कम होने के साथ-साथ पर्यावरण पर भार भी घटेगा।

 

डीजल ट्रैक्टरों की भी झलक

कार्यक्रम में महिंद्रा और स्वराज ने अपनी पारंपरिक 2WD और 4WD डीजल ट्रैक्टर श्रेणी और आधुनिक कृषि उपकरणों का प्रदर्शन भी किया, जिससे किसानों को सभी प्रकार की तकनीकें एक ही मंच पर देखने का अवसर मिला।

एग्रोविजन 2025 में महिंद्रा की यह प्रस्तुति स्पष्ट संदेश देती है कि भारत की कृषि तेजी से वैकल्पिक ऊर्जा आधारित खेती की ओर बढ़ रही है

नई तकनीकों के साथ किसानों को किफायत, दक्षता और पर्यावरण अनुकूल विकल्प मिलने वाले हैं जो भविष्य की खेती को न सिर्फ स्मार्ट बल्कि टिकाऊ भी बनाएंगे।

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