देश में किसानों को आधुनिक तकनीकों का लाभ पहुँचाने के लिए सब्सिडी पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाते हैं।
इसके लिए देश भर में कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक राज्य सरकारों के माध्यम से ट्रैक्टर, पावर टिलर और स्वचालित मशीनरी सहित सब्सिडी पर 15.24 लाख कृषि मशीनरी और उपकरण वितरित किए गए हैं।
यह बात केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फार्म मशीनरी टेक्नालॉजी शिखर सम्मेलन के शुभारम्भ के दौरान कही।
ट्रैक्टर, पावर टिलर सहित अन्य कृषि यंत्रों पर अनुदान
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 27 अप्रैल 2023 के दिन कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) व ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन (टीएमए) द्वारा फार्म मशीनरी टेक्नालॉजी पर आयोजित शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया।
सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं कृषि यंत्र
कृषि मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन (एसएमएएम) के तहत प्रशिक्षण, परीक्षण, सीएचसी, हाई-टेक हब, फार्म मशीनरी बैंकों (एफएमबी) की स्थापना जैसी विभिन्न गतिविधियों के लिए वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक राज्यों को 6120.85 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
कृषि मंत्री ने कहा कि देश में लगभग 85 प्रतिशत छोटे किसान हैं, जिन्हें टेक्नालॉजी-मशीनरी का लाभ मिलना चाहिए।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार अपने स्तर पर इस दिशा में लगातार काम कर रही है।
75 दिनों में मिलेगी ट्रैक्टर को मंजूरी
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा “केंद्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान” (सीएफएमटीटीआई), बुदनी (म.प्र.) में ट्रैक्टरों के परीक्षण की नई व्यवस्था लागू कर परीक्षण को पूरा करने की अधिकतम समय-सीमा को घटाकर अधिकतम 75 कार्य दिवस कर दिया गया है।
साथ ही, वर्ष 2014-15 से 2022-23 तक केंद्र सरकार दवारा अपने चार एफएमटीटीआई व चिन्हित नामित अधिकृत परीक्षण केंद्रों के माध्यम से 1.64 लाख प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया गया हैं।
किसानों को ड्रोन पर दी जा रही है सब्सिडी
कृषि मंत्री ने बताया कि किसान ड्रोन को बढ़ावा दिया जा रहा है,
जिसके लिए ड्रोन पालिसी लाने के साथ ही किसानों, अजा-अजा वर्ग, महिला किसानों सहित विभिन्न श्रेणियों में सब्सिडी दी जा रही है,
व ड्रोन के साथ कीटनाशकों के अनुप्रयोग हेतु फसल विशिष्ट एसओपी भी जारी की गई है।
सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरूआत भी की है, जिसमें अभी तक लगभग 14 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी है, जिनसे किसानों को सहायता मिल रही है।
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