एमपी फार्म गेट नाम से ऐप बनाया
पहली बार किसानों के लिए मध्यप्रदेश में अपनी उपज बेचने के लिए नया प्रयोग हो रहा है।
अब किसान घर बैठे ही उपज कहीं भी किसी भी व्यापारी को बेच सकेंगे।
कृषि विभाग एवं मंडी बोर्ड का एमपी फार्म गेट ऐप लॉन्च होने जा रहा है।
8 मंडियों में टेस्टिंग शुरू
विभाग का कहना है कि इस ऐप की प्रदेश की 8 मंडियों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में टेस्टिंग शुरू हो गई है।
अभी प्रदेश में मंडी व्यवस्था के तहत किसानों को उपज कृषि उपज मंडियों में सौदा पत्रक से बेचना पड़ता है। सौदा पत्रक में भी व्यापारी को नमूना दिखाना होता है।
कई बार मंडी तक न पहुंचने वाले किसान फसल को ग्रामीण व्यापारियों को औने-पौने दाम में बेचते हैं। इसे देखते हुए कृषि विभाग एवं मंडी बोर्ड ने एमपी फार्म गेट नाम से ऐप बनाया है।
बार-बार पंजीयन की आवश्यकता नहीं
इस नए ऐप पर किसानों के पंजीयन की व्यवस्था की गई है।
एक बार पंजीयन होने के बाद किसान कहीं भी, कितनी भी बार अपनी उपज को बेच सकता है।
अर्थात् बार-बार पंजीयन की आवश्यकता नहीं होगी।
इन फसलो को बेच सकेंगे
गेहूं, धान, तिल्ली या तिल, सरसों, सोयाबीन, तुअर, चना, उड़द, चिरोंजी का विक्रय किया जा सकेगा।
गेहूं में लोकवन, शरबती, मिल क्वालिटी, सुजाता और मालवा शक्ति को शामिल किया गया है। यह ऐप पर उपलब्ध है।
ऐप का काम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू
फार्म गेट ऐप को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भोपाल, इंदौर, देवास, जबलपुर, गुना, सागर, सतना, हरदा की मंडियों में शुरू किया गया है।
दो अगस्त से इन मंडियों में एक साथ शुरू किए गए ऐप पर 40 हजार सौदा पत्रक बन चुके हैं।
मंडी बोर्ड के अपर संचालक डीके नागेन्द्र ने बताया कि ऐप का काम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हो गया है।
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