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निमाड़ क्षेत्र में सर्दी व कीटो से बचाव के लिए किसानो ने किये अनुठे प्रयोग

 

फसलो को कवर करके किसानो ने पाया लाभ

सर्दी और किटो से फसलो को बचाने के लिए किसानो ने क्रॉप कवर का प्रयोग किया. यह प्रयोग सफल भी रहा और इससे फसलो को लाभ भी हुआ है।

निमाड़ क्षेत्र में सर्दी और कीटो से बचाव के लिए किसानो ने कुछ अनूठे प्रयोग किये. इसके तहत किसानो ने सफ़ेद परदे से कवर कर दिया। इस प्रक्रिया से जहाँ अधिक ठण्ड से फसलो का बचाव हुआ, वही कीटो के प्रकोप से भी फसल को सुरक्षा मिली।

क्रॉप कवर से फसल एक से डेढ माह की अधिक अवधि तक सुरक्षित रही। खरगोन और आसपास इस प्रयोग के सफल रहने के बाद अन्य किसान भी इसे अपनाने के लिए विशेषज्ञों से जानकारी ले रहे है।

 

करेला और मिर्च की फसल में किया प्रयोग सफल रहा

कसरावद के कृषक जितेन्द्र पाटीदार ने आठ एकड़ में करेले की फसल लगाई, दिसम्बर में उन्होंने पौधे लगाए थे। पौधो को बांस का ढांचा बनाकर धागे का सहारा दिया। इसके बाद पौधो को सफ़ेद परदे से ढंककर आसपास मिट्टी डालकर कवर कर दिया।

प्रति एकड़ कितना खर्च आया

पौधे लगाने, मल्चिंग करने, बॉस का ढांचा बनाने और क्रॉप कवर लगाने में 30 हजार रुपये प्रति एकड़ खर्च आया।

क्रॉप कवर फसल को डेढ माह तक ठंड और कीटो से सुरक्षा प्रदान करता है।

क्षेत्र में करेले की फसल बारिश में अधिक लगाई जाती है। रबी सीजन में अत्यधिक ठंड से बचाने के लिए प्रयोग किया। उनकी फसल डेढ माह से ऊपर की हो चुकी है, फुल आने के बाद कवर को उन्होंने सुरक्षित रख लिया है ताकि अगली फसल में उपयोग किया जा सके।

करेले के साथ ही मिर्च, तरबूज, टमाटर आदि फसलो के लिए क्रॉप कवर लाभदायक है।

source: नईदुनिया

 

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