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नार्थ इस्ट ने चखे मालवा के आलू-प्याज, 32 किसान रेल रवाना हुई इंदौर से

 

बीते साल नवंबर में सबसे पहली किसान ट्रेन इंदौर से रवाना हुई थी।

 

 लाकडाउन के बाद पटरी पर आ रहे रेल यातायात को किसान रेल ने नई दिशा दे दी है।

कोरोना काल में खाली पड़े रेक को मालगाड़ी की तरह इस्तेमाल कर रेलवे ने उनका संचालन किसान रेल के रूप में किया।

जिसमें रेलवे ने इंदौर और आसपास के इलाकों के किसानों का आलू, प्याज, लहसुन जैसी चीजों को नार्थ ईस्ट को भेजा है।

इससे रेलवे को करोड़ों रुपयों का राजस्व भी मिला है। हालांकि अभी भी इंदौर से और किसान ट्रेन की मांग बनी हुई है।

मालवा के आलू प्याज की मांग की पूरे देश में रहती है।

लाकडाउन में जब ट्रेनों का संचालन कम संख्या में हो रहा था, तब रेलवे ने अपने खाली पड़े रैक को किसान रेल के रूप में चलाने का निर्णय लिया।

जिसमें कृषि मंत्रालय ने किसानों को सब्सिडी भी दी। मंडल रेल प्रवक्ता खेमराज मीणा ने बताया बीते साल नवंबर में सबसे पहली किसान ट्रेन इंदौर से रवाना हुई थी।

यह पश्चिम रेलवे की पहली किसान रेल थी, जो 180 टन प्याज लेकर न्यू गुवाहाटी गई थी।

तब से लेकर अब तक 32 ट्रेनें रवाना हो चुकी हैं। जिससे करीब 7.53 करोड़ का राजस्व मिल चुका है।

 

स्पेशल टीम करती है किसानों से डील

जानकारी के अनुसार रेलवे ने इस संबध में किसानों से डील करने के लिए एक विशेष टीम को लगाया है।

जिसमें सीनियर डीसीएम सुनील मीणा के साथ अमित साहनी, सतीश वर्मा, गौरव गुप्ता, स्नेहा दानोतकर और जगदीश मीणा शामिल हैं।

यही अधिकारी किसान रेल को लेकर पूरी तैयारी करते हैं।

सबसे अच्छी बात है कि कृषि मंत्रालय द्वारा हाथों हाथ ही इसमें से 50 फीसदी सब्सिडी दे दी जाती है।

जिससे किसानों को आधे भाड़े का फायदा हो जाता है।

 

ट्रेन बुक करने के लिए 6 किसान जरूरी

रेलवे सूत्रों ने बताया कि किसान रेल को किराए पर लेने के लिए 6 किसानों का समूह होना जरूरी है।

इनके माल भेजने के लिए दिए आवेदन को पार्सल कार्यालय से आगे बढ़वाया जाता है।

जो मंडल मुख्यालय के बाद झोन मुख्यालय और फिर रेलवे बोर्ड जाता है। वहां से ट्रेन की अनुमति आती है।

इतना ही नहीं रास्ते के स्टेशन से भी किसान माल लोड़ करवा सकते हैं।

 

अब कम पड़ने लगे रैक

नाम ना छापने के अनुरोध पर एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि हालांकि अभी भी किसान ट्रेन का संचालन हो रहा है।

लेकिन कई किसान अभी भी रेलवे अधिकारियों के संपर्क में है। अभी भी इंदौर से करीब 1 दर्जन से अधिक किसान रेल जा सकती है।

यहां के किसान अपने माल को दूसरे राज्यों में भेजने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं।

 

इन शहरों के लिए गई इंदौर से ट्रेन

जोरहट टाउन, न्यू गुवाहाटी, अगरतला बायाहाटा, मालदा

 

अकेले जनवरी में 2.94 करोड़ का राजस्व

जानकारी के अनुसार नवंबर में केवल एक ही ट्रेन गई थी। जिससे रेलवे को करीब 9 लाख का किराया मिला था।

लेकिन जनवरी में 11 ट्रेन रवाना हुई थी। जिससे रेलवे को 2.94 करोड़ का राजस्व मिल गया था।

फरवरी के बाद जून से किसान रेल का संचालन फिर से शुरू हुआ था। जो अब तक जारी है।

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