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महंगाई के बावजूद यूरिया सहित अलग-अलग खाद पर अब ज्यादा मिलेगी सब्सिडी

 

किसानों पर मेहरबान हुई मोदी सरकार

 

मनसुख मांडविया ने बताया कि इस रबी सीजन में प्रधानमंत्री द्वारा किसानों को खाद पर दी जाने वाली सब्सिडी के रूप में कुल 28 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.

 

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के किसानों के हित में आज (सोमवार, 19 अक्टूबर) एक बड़ा फैसला लिया है.

केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए यूरिया पर मिलने वाली सब्सिडी को बढ़ा दिया है.

केंद्रीय केमिकल और खाद मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाद की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है.

और सरकार को किसानों की मांग को पूरा करने के लिए बाहर से अलग-अलग प्रकार के खाद को इंपोर्ट करना पड़ रहा है.

 

यूरिया पर मिलने वाली सब्सिडी को बढ़ाकर 2000 रुपये किया गया

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खाद की बढ़ती कीमतों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है कि सरकार खाद की कीमतों को बढ़ाने के बजाए उन पर मिलने वाली सब्सिडी को बढ़ाएगी.

ताकि किसानों की लागत में होने वाली बढ़ोतरी को रोका जा सके और उनके मुनाफे में बढ़ोतरी की जा सके.

मनसुख मांडविया ने बताया कि यूरिया पर मिलने वाली सब्सिडी को 1500 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये प्रति बोरी कर दिया गया है.

 

किसानों को सब्सिडी के रूप में दिए गए 28 हजार करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने यूरिया के अलावा DAP पर दी जाने वाली सब्सिडी को 1200 से बढ़ाकर 1650 रुपये, NPK पर दी जाने वाली 900 रुपये की सब्सिडी को बढ़ाकर 1015 रुपये और SSP पर दी जाने वाली सब्सिडी को 315 रुपये से बढ़ाकर 375 रुपये कर दिया है.

मनसुख मांडविया ने बताया कि इस रबी सीजन में प्रधानमंत्री द्वारा किसानों को खाद पर दी जाने वाली सब्सिडी के रूप में कुल 28 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.

 

खाद की वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी

खरीफ फसलों की कटाई के बाद अब रबी फसलों की बुवाई शुरू होने वाली है.

इस बीच देश के कई राज्यों से खाद की किल्लत की खबरें आ रही हैं. वैश्विक कीमतों में बढ़ोतरी से खाद के आयात में कमी आई है.

यही कारण है कि स्थिति काफी खराब हो रही है. इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक, भारत में आयातित डीएपी की कीमत इस बार 675 से 680 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गई है, जबकि पिछले साल इसी वक्त डीएपी के भाव 370 डॉलर प्रति टन था.

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