मार्केटिंग ऑफिसर की नौकरी छोड़कर राघव बनें किसान

 

आज कमाते हैं लाखों का मुनाफा

 

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में कालमुखी नाम का एक गांव है. जहां का एक किसान बंपर सब्जी उत्पादन करने के बाद इन दिनों चर्चाओं में है.

इस किसान का नाम है राघव उपाध्याय,  जो 10 एकड़ भूमि पर ककड़ी और खीरे की खेती से लाखों का मुनाफा कमा रहा है.

केवल 90 दिनों में 10 से 12 टन खीरे का उत्पादन कर राघव ने सभी को चौंका दिया है. चलिए आपको उनके बारे में बताते हैं.

 

डिजिटल मार्केटिंग ऑफिसर से किसान बनने तक का सफर

यह जानना दिलचस्प है कि राघव मैकेनिकल ब्रांच से न सिर्फ बीई की डिग्री हासिल कर चुके हैं, बल्कि मुंबई स्थित एक कंपनी में डिजिटल मार्केटिंग ऑफिसर का काम भी कर चुके हैं.

अपने बारे में राघव बताते हैं कि शायद किसान परिवार से होने और गांव में हुई परवरिश के कारण वो खेती से कभी अलग नहीं हो पाए.

 

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खेती से कमाई का रास्ता बनाया

राघव ने 10 एकड़ कृषि भूमि पर खीरे और संकर ककड़ी लगाई और 90 दिनों में 10 से 12 टन उत्पादन प्राप्त किया.

अपनी ही सफलता से प्रेरित होकर अब वो 1 एकड़ भूमि तरबूज, करेला, ककड़ी, टिंडा और गिलकी की खेती कर रहे हैं.

इन किस्मों का चयन

राघव सब्जियों की सिंचाई के लिए ड्रिप तकनीक की मदद लेते हैं. वो कहते हैं कि ड्रिप सिंचाई नकदी फसलों की खेती में फायदेमंद है, इसमें कम श्रम और पैसा लगता है.

खीरे की खेती में राघव विदेशी किस्मों जैसे- जापानी लौंग ग्रीन, चयन, स्ट्रेट- 8 के साथ-साथ भारतीय किस्मे जैसे-  स्वर्ण अगेती, स्वर्ण पूर्णिमा और पूसा उदय की भी खेती करते हैं.

 

कब हो सकती है खीरे की खेती

वो बताते हैं कि वैसे तो खीरे और का फसल का चक्र 60 से 80 दिनों तक का होता है, लेकिन इसकी खेती गर्मी के साथ-साथ वर्षा ऋतु में भी हो सकती है.

भीषण ठंड को छोड़ दिया जाए, तो फरवरी माह के दूसरा सप्ताह से ही इसकी बुवाई की जा सकती है.

वहीं अगर पॉली हाउस में कोई किसान इसकी खेती करना चाहता है, तो वो साल के किसी भी महीने इसकी खेती कर सकता है.

 

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स्त्रोत : कृषि जागरण 

 

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