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फल और सब्जियां लेकर दिल्ली पहुंची पहली किसान रेल

फल और सब्जियां लेकर दिल्ली पहुंची पहली किसान रेल, कम समय में बाजार में होगी किसानों की उपज

 

किसान रेल (Kisan Rail) ने कृषि विकास और भारतीय रेल में एक इतिहास रच दिया है. यह नई किसान रेल एक तरह की स्पेशल पार्सन ट्रेन है, जिसको अनाज, फल और सब्जियों को लाने ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. केंद्र सरकार की इस योजना के तहत शीत भंडारण (Cold Storage) के साथ किसानों की उपज के परिवहन की भी अच्छी व्यवस्था की जाएगी.

 

हाल ही में दक्षिण भारत से सब्जियां और फल लेकर पहली किसान रेल दिल्ली पहुंच गई है. खबरों की मानें, तो किसान रेल आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से दिल्ली के आदर्श नगर रेलवे स्टेशन आ गई है. इस रेल में लगभग 332 टन फल और सब्जियां हैं. बता दें कि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.

 

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बागवानी से जुड़े किसानों को भी होगा लाभ

किसान रेल से बागवानी से जुड़े लोगों को भी काफी लाभ मिल पाएगा. उनकी उपज कम से कम समय में बाजार में पहुंच पाएगी. मौजूदा समय की बात करें, तो परिवहन प्रणाली में ट्रकों के जरिए होने वाली ढुलाई से किसानों को 25 प्रतिशत यानी लगभग 300 करोड़ रुपए सालाना का नुकसान होता था

 

सप्ताह में 1 बार चलेगी किसान रेल

अभी किसान रेल को सप्ताह में 1 बार चलाया जाएघा. मगर अक्टूबर के बाद जैसे ही फसल कटाई में तेजी आएगी, वैसे ही जनवरी से मांग के हिसाब से रेल के फेरों में बढ़ोतरी की जा सकती है. केंद्रीय कृषि मंत्री का कहना है कि किसान रेल देश की अर्थव्यवस्था के विकास में एक अहम भूमिका निर्वाह करेगी. इसके जरिए किसानों की उपज को देश में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जाएगा.

 

जानकारी के लिए बता दें कि आंध प्रदेश के अनंतपुरम में लगभग 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फल और सब्जियों की खेती की जाती है. ऐसे में इस क्षेत्र के किसानों के लिए यह रेल बहुत लाभदायक साबित होगी. जिले के लगभग 58 लाख मीट्रिक टन फलों और सब्जियों का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा उत्तर भारतीय राज्यों दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा में बेचा जाता है. केंद्रीय कृषि मंत्री का कहना है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दे रहे है. केंद्र सरकार की तरफ से भी 2 नए अध्यादेश और 1 लाख करोड़ के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड का भी क्रियान्वयन किया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले 7 अगस्त को महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच पहली किसान रेल की शुरुआत की गई थी.

 

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