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छत्तीसगढ़ के वैज्ञानिको ने विकसित की हल्दी व धनिया की नई प्रजाति

 

हल्दी व धनिया की नई प्रजाति

 

अखिल भारतीय मसाला अनुसंधान परियोजना की वार्षिक बैठक कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र रायगढ़ में आयोजित की गई।

जिसमें रायगढ़ के वैज्ञानिकों के शोध से विकसित धनिया एवं हल्दी के नई प्रजातियों का राष्ट्रीय स्तर पर विमोचन हेतु पहचान किया गया।

जिन्हें केन्द्रीय विमोचन समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के उपरांत दोनों प्रजातियों को बीज उत्पादन श्रंृखला में लाया जाएगा।

 

प्रविष्ठी देश के प्रदेशों के लिए विमोचित होगी

ज्ञात है कि धनिया की एक प्रविष्ठी जिसे प्रस्ताव में छत्तीसगढ़ राज्य धनिया-3 के नाम से सम्मिलित किया जाएगा।

धनिया की यह प्रविष्ठी देश के 10 प्रदेशों के लिए विमोचित होगी।

वहीं दूसरी तरफ हल्दी की जो एक प्रविष्ठी है उसे छत्तीसगढ़ राज्य हल्दी-3के नाम से सम्मिलित किया जाएगा।

यह प्रविष्ठी देश के 7 प्रदेशों के लिए विमोचित होगी तथा विमोचन के बाद इन प्रजातियों के बीज का विभिन्न वर्गो में उत्पादन भी किया जा सकेगा।

इन प्रजातियों के प्रमुख प्रजनक वैज्ञानिक डॉ.श्रीकांत सांवरगावकर ने बताया कि धनिया एवं हल्दी की ये दोनों प्रजातियां किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण एवं लाभदायक है।

जो कि किसानों के बाजार के अनुरूप है। इनके उत्पादन से किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते है।

इन प्रजातियों की उत्पादन ज्यादा एवं गुणवत्ता अच्छी है।

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