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बोएं गेहूं की कम पानी में तैयार होने वाली ये किस्में और घटाएं लागत

बढ़ाएं मुनाफा

 

अब आप लोगों को चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि आज के इस पोस्ट में हम लाए हैं आपके लिए कुछ ऐसी गेहूं की किस्में, जिन्हें बोकर आप अपनी फसल की लागत को कम कर सकते हैं.

 

किसान मित्रों गेहूं की फसल हम में से अधिकतर लोग करते हैं और यह भी जानते हैं कि गेहूं की फसलें कितना पानी चाहती हैं गेहूं की फसल को अगर हम वैज्ञानिक तरीके से करते हैं

तो आमतौर पर 5 से 6 बार सिंचाई करनी पड़ती है जो कि किसी भी किसान के लिए अधिक दुखदायी होता है

क्योंकि इससे उस किसान की गेहूं की फसल में लागत बढ़ती है जिससे मुनाफा कम होता है.

तो आइए इनको जानते हैं. ये हैं-

  1. HW-5207
  2. HI-1612
  3. HI- 8777
  4. सुजाता
  5. हाइब्रिड 65

अब इन गेहूं की किस्मों के बारे में कुछ विस्तार से जानते हैं ताकि आपको एक अच्छी गेहूं की किस्म चुनने में कोई कठिनाई न हो.

 

HW-5207

गेहूं की इस वेरायटी को COW 3 के नाम से भी जाना जाता है.

यह वेरायटी 2016 में रिलीज की गई थी इस गेहूं की किस्म को मुख्य रूप से तमिलनाडु राज्य के पहाड़ी इलाकों और उससे सटे या जुड़े हुए इलाकों के लिए विकसित किया गया था.

यह एक गेहूं की अर्द्ध बौनी प्रजाति है इस किस्म को मध्यम उर्वरक कम सिंचाई और अच्छी बुवाई दशा की जरूरत होती है यह किस्म आमतौर पर 41 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज दे देती है.

 

HI-1612

गेहूं की इस किस्म को pusa wheat 1612 के नाम से भी जानते हैं.

यह किस्म पीला और भूरा रस्ट अवरोधी किस्म भी है इसके अतिरिक्त इस किस्म को करनाल बंट और loose smut के लिए भी अवरोधी माना जाता है,

तथा यह गेहूं की किस्म औसत रूप में 38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज दे देती है लेकिन इसकी उपज को 51 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक भी बढ़ाया जा सकता है.

 

HI-8777

इस किस्म को भी Pusa Wheat 8777 के नाम से जाना जाता है इस किस्म को ICAR & IARI के रीजनल स्टेशन के द्वारा तैयार किया गया है.

यह किस्म पत्ती रस्ट अवरोधी किस्म है.

यह किस्म लगभग 19 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उपज देती है लेकिन इसकी उपज को लगभग 29 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाया जा सकता है.

 

सुजाता

इस गेहूं की किस्म को भारत के लगभग हर एक राज्य में बोया जा सकता है.

यह किस्म लगभग 135 से 140 दिनों में तैयार हो जाती है.

इस किस्म में अधिक गर्मी और कम नमी भी सहन करने की क्षमता पाई जाती है.

इस किस्म को गेरुआ रोग के प्रति अवरोधी माना जाता है.

इस गेहूं की किस्म की उपज लगभग 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिल जाती है.

 

हाइब्रिड 65

इस गेहूं की किस्म को बहुत ही पसंद किया जाता है.

यह किस्म लगभग 125 से 135 दिनों में तैयार होने वाली किस्म है इसका गेहूं काफी चमकीला होता है,

और इस किस्म की उपज लगभग 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक आसानी से मिल जाती है.

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