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सोयाबीन : विशेषज्ञ बोले-72 घंटे में बारिश नहीं तो सूखेगी फसल

बारिश नहीं होने से सोयाबीन की फसल अब खराब होने लगी है।

कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि अब 48 से 72 घंटे के बीच बारिश नहीं हुई तो फसल सूखने लगेगी।

सोयाबीन के पौधों में फली तो बन गई है लेकिन अभी दाना नहीं बन पाया है।

कुछ जगह दाना बना है तो वह सिंचाई के अभाव में पतला रह जाएगा इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा।

कृषि विभाग का कहना है कि जिन किसानों की फसलें खराब हो रही हैं वे बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सूचित करें ताकि समय पर कंपनी के कर्मचारी सर्वे कार्य कर सकें।

इधर बारिश नहीं होने से किसान तरह-तरह के जतन कर रहे हैं।

 

सोयाबीन पर पीला मोजेक का अटैक

भारतीय किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से मांग करते कहा है कि जिस तरह कुछ साल पहले देश के कुछ राज्यों में कृत्रिम बारिश कराकर फसलों को बचाया गया था, ठीक उसी तरह इस बार यहां पर भी बारिश कराई जाए।

बरसात का दौर थम सा गया है। पिछले तीन दिन से तो तेज धूप निकलना शुरू हो गई है। इससे फसलों पर कीटों का प्रकोप तेज हो गया है।

हालत यह है कि सोयाबीन की फसल पीली पड़ने लगी है। सोयाबीन की फसल पर इस समय दो तरह के कीटों का अटैक हो रहा है।

पहला पीला मोजेक और दूसरा तना मक्खी नुकसान पहुंचा रही है।

कई जगह सोयाबीन के पौधों को तना मक्खी ने तना काट दिया है। इससे पौधे खत्म हो रहे हैं।

दूसरी तरफ पीला मौजेके के कारण भी पौधे पीले पड़ने लगे हैं। कई सालों बाद ऐसा देखने को मिल रहा है जब अगस्त माह में इतनी कम बारिश हुई हो।

 

नुकसान होने पर बीमा कंपनी को करें सूचित

कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर केके पांडेय का कहना है कि जिन क्षेत्रों में भी फसल को नुकसान हो रहा है, वहां के किसानों को बीमा कंपनी को फोन पर सूचना देना चाहिए।

बीमा कंपनी ने जो टोल फ्री नंबर दिया है उस पर संपर्क करना चाहिए।

बीमा कंपनी को सूचना देने के बाद सर्वे शुरू हो जाएगा जिससे नुकसान का मुआवजा मिल सकेगा।

यह सभी के लिए जरूरी है। उन्होंने बताया कि कुछ गांवों के नामों की सूची कंपनी को दे दी गई है।

दाना रह सकता है पतला आरएके कॉलेज के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एमडी व्यास का कहना है कि बारिश नहीं होने से सोयाबीन के दाने पर इसका असर पड़ रहा है।

यदि दो से तीन दिन में बारिश नहीं होती है तो नुकसान काफी बढ़ जाएगा।

इस समय सोयाबीन की फली तो बन चुकी है लेकिन उसमें दाना बनने का समय है।

कई जगह दाना बन चुका है तो कहीं यह प्रक्रिया में है। बारिश नहीं होने से दाना पतला रह जाएगा।

 

तना मक्खी का प्रकोप

इस समय सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक का अटैक देखा जा रहा है। इससे पौधे पीले पड़ने लगे हैं। कई जगह नुकसान ज्यादा है।

इन जगहों पर तो खेतों के खेत ही पीले दिखाई देने लगे हैं। इससे फसल को काफी नुकसान हो सकता है इधर तना मक्खी के कारण भी किसान परेशान नजर आ रहे हैं।

कई गांवों में सूखाग्रस्त होने की बन रही स्थिति जावर| तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम कजलास सहित कई गांवों में सूखाग्रस्त होने की स्थिति बन रही है।

भारतीय किसान यूनियन ब्लाक अध्यक्ष सूर्यपाल सिंह ठाकुर ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कृत्रिम बारिश कराने की मांग की गई है।

जब अन्य प्रदेशों में कृत्रिम बारिश हो सकती है तो मध्यप्रदेश में क्यों नहीं।

इस समय किसानों का सोयाबीन, मक्का, ज्वार, मूंगफली, मूंग, उड़द, बाजरा, ज्वार सभी प्रकार की फसलें सूखने की कगार पर हैं।

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